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India Daily

इजरायली पीएम नेतन्याहू टैरिफ के मुद्दे पर ट्रंप से करेंगे मुलाकात, सोमवार को व्हाइट हाउस में हो सकती है मीटिंग

इन टैरिफ विवादों के कारण वैश्विक व्यापार में असमंजस और घबराहट का माहौल बन गया है, जिससे देशों को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Israeli PM Netanyahu will visit the White House to meet Trump on issue of tariffs
Courtesy: Social Media

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आगामी सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने के लिए व्हाइट हाउस पहुंच सकते हैं. यह बैठक मुख्य रूप से अमेरिका द्वारा इजराइल पर लगाए गए नए टैरिफ और अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में ईरान के न्यूक्लियर संकट और गाजा क्षेत्र की स्थिति पर भी बातचीत हो सकती है.

टैरिफ पर चर्चा का महत्व

अमेरिका ने हाल ही में करीब 60 देशों पर टैरिफ बढ़ा दिए थे, जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई थी. ट्रंप ने घोषणा की थी कि ये टैरिफ व्यापारिक रिश्तों में बदलाव लाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं. इसके बाद, इजराइल ने अपने उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ को समाप्त करने की घोषणा की थी. हालांकि, ट्रंप ने इजराइल पर भी 17 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया, जिससे नेतन्याहू को व्हाइट हाउस की ओर रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

नेतन्याहू की न्यायिक सुनवाई और यात्रा की योजना

इस मीटिंग से पहले, नेतन्याहू को अपनी भ्रष्टाचार से संबंधित न्यायिक सुनवाई में पेश होना था, लेकिन अब वह इस सुनवाई को स्थगित करने की कोशिश करेंगे ताकि वह ट्रंप से मुलाकात कर सकें. यह मुलाकात महत्वपूर्ण है, क्योंकि इजरायली पीएम को इस समय कई आंतरिक और बाहरी मुद्दों से जूझना पड़ रहा है.

ट्रंप और नेतन्याहू की आपसी बातचीत

ट्रंप और नेतन्याहू के बीच टैरिफ पर चर्चा के लिए कॉल पहले ही हो चुकी थी. ट्रंप ने नेतन्याहू को व्हाइट हाउस बुलाया था, लेकिन इस मुलाकात की तारीख पर स्पष्टता नहीं थी. हालाँकि, ट्रंप ने यह भी कहा था कि नेतन्याहू जल्द ही वाशिंगटन आ सकते हैं, और यह मुलाकात अगले हफ्ते भी हो सकती है. यह आश्चर्यजनक था क्योंकि नेतन्याहू और उनके सहयोगी इस बात से अनजान थे कि यह घोषणा पहले की जा चुकी है.

भारत और अन्य देशों के लिए वैश्विक प्रभाव

ट्रंप के इस फैसले का न सिर्फ इजराइल पर, बल्कि अन्य देशों पर भी प्रभाव पड़ने वाला है. विशेष रूप से, वियतनाम ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की इच्छा जताई थी, जिसमें वह अपने टैरिफ को शून्य तक लाने की सोच रहे थे.