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हमास की कैद से 246 दिन बाद रिहा हुई बंधक ने सुनाई आपबीती, कहानी सुन कांप जाएगी रूह 

Noa Argamani Rescue: हमास की कैद से आजाद हुई इजरायली बंधक ने अपनी दुखभरी कहानी सुनाई है. पीड़िता ने हमास के कैद से बाहर आने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से कुछ बोला है.पीड़िता ने कहा कि आतंकियों की कैद में उसने 246 दिन बिताए. इस दौरान उसने अपने उन कठिन दिनों को भी याद किया जो उसने गाजा पट्टी में हमास आतंकियों की कैद में बिताए. पीड़िता ने कहा कि इस दौरान उसने सबसे ज्यादा अपने मां-बाप को मिस किया. 

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India Daily Live

Noa Argamani Rescue: सात अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इजरायल पर हमला किया था और दक्षिणी गाजा के सुपरनोवा म्यूजिक फेस्टिवल से सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था.तब से इजरायल और हमास के बीच खूनी जंग जारी है. इस हमले में हमास के आतंकी बंधकों को कैद कर गाजा ले आए. इस बीच इजरायली सेना ने एक बंधक को रेस्क्यू किया है. रेस्क्यू किए जाने के बाद बंधक ने पहली बार सार्वजनिक रूप से कुछ कहा है.  नोआ अर्गामानी नाम की पीड़िता 246 दिन तक हमास की कैद में रही. इस दौरान उसने अपने उन कठिन दिनों को याद किया जो उसने हमास की कैद और जुल्म में बिताए. 

26 वर्षीय पीड़िता ने एक वीडियो मैसेज में सात अक्तूबर के नरसंहार को याद करते हुए कहा वह मेरी जिंदगी का सबसे नासूर दिन था, जिसने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी. मेरी आंखों के सामने ना जाने कितने लोगों का खून कर दिया गया. नोआ अर्गामनी ने कहा कि इस हमले के बाद वह हमास 246 दिन तक हमास की कैद में रही. इस दौरान मेरी सबसे बड़ी चिंता मेरे मां-बाप के लिए थी. नोआ ने आगे कहा कि हमास के चंगुल से आजाद होने के बाद यहां आना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है. मैं आठ माह के बाद अपनी मां के साथ हूं.

क्या कहा पीड़िता ने? 

बंधकों और लापता परिवारों के मंच वाले प्लेटफॉर्म से वीडियो जारी कर नोआ ने कहा कि वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं. उनकी मां एक लाइलाज बीमारी से जूझ रही हैं. हमास की कैद में मुझे हमेशा उनके बारे में चिंता रहती थी. नोआ ने अपने वीडियो में हमास की कैद में शेष बंधको के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि अभी भी हमास की कैद में लगभग 120 बंधक हैं, जिन्हें बचाया जाना है. 

ऐसे पलों की है जरूरत...

नोआ ने कहा कि मैं अब घर पर जरूर हूं लेकिन हम उन बंधकों के बारे में नहीं भूल सकते जो अभी भी हमास की कैद में है. हमें उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए. मैं चाहती हूं कि हमारे के पास अच्छे और शांतिपूर्ण दिन हों जिसमें हम अपने परिवारों के साथ बैठकर खुशियां मना सकें, अपने दोस्तों को गले लगा सकें.