ईरान-तुर्की आंतकी संगठन हिजबुल्लाह को कर रहे हैं फिर से खड़ा! इजरायल के विदेश मंत्री का बड़ा दावा

इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सा'र ने अमेरिकी सीनेटरों के एक द्विदलीय समूह के साथ बैठक में तुर्की पर हिजबुल्लाह को धन पहुंचाने के ईरानी प्रयासों में सहयोग करने का आरोप लगाया.

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इजरायल के विदेश मंत्री गीदीऑन सार ने मंगलवार (18 फरवरी) को दावा किया कि "ईरान हिजबुल्लाह को दोबारा स्थापित करने के लिए भारी प्रयास कर रहा है, इसके लिए वह फाइनेंशियल मदद कर रहा है. सार ने कहा कि ईरान इस प्रयास में तुर्की के साथ सहयोग कर रहा है. इस दौरान, इजरायल ने यह भी कहा कि यदि लेबनान संघर्षविराम समझौते का पालन करता है, तो इजरायली सेना को दक्षिण लेबनान के पांच रणनीतिक पहाड़ियों पर मौजूद रहने की आवश्यकता नहीं होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना ने गुरुवार को दावा किया था कि ईरानी कुद्स बल और हिज़्बुल्ला ने पिछले कुछ हफ्तों में बेइरोत हवाई अड्डे पर नागरिक उड़ानों का "दुरुपयोग" किया, ताकि हिजबुल्लाह को वित्तीय सहायता के माध्यम से सशस्त्र किया जा सके और इजरायल पर हमले किए जा सकें.

इजरायल सेना के अरबी भाषा के प्रवक्ता अविचाय अद्रई ने X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए कहा, "हम संघर्षविराम निगरानी तंत्र से संपर्क में हैं और इन आपूर्ति प्रयासों को विफल करने के लिए लगातार विशिष्ट जानकारी भेजते हैं. हालांकि किए गए प्रयासों के बावजूद, हम अनुमान करते हैं कि कुछ पैसे की तस्करी सफल रही है.

इजरायल की सुरक्षा के लिए सेना की सख्त स्थिति

इजरायल सेना के अरबी भाषा के प्रवक्ता अविचाय अद्रई ने यह भी कहा, "इजरायल सेना हिजबुल्लाह को सशस्त्र नहीं होने देगी और संघर्षविराम समझौतों को लागू करने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का इस्तेमाल करेगी, ताकि इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

इसके बाद, लेबनान ने अद्रई की चेतावनियों के बाद दो ईरानी उड़ानों को हवाई अड्डे पर लैंडिंग से रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप हिजबुल्लाह समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन हुआ. इजरायल ने हवाई अड्डे की रनवे पर बमबारी की धमकी दी थी, जिससे यह विवाद और बढ़ गया.

ईरान का विरोध और मीडिया प्रचार

बता दें कि, इस महीने की शुरुआत में, ईरान के विदेश मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया था, जिसमें कहा गया था कि तेहरान हिजबुल्लाह को बैरूत हवाई अड्डे के माध्यम से धन भेज रहा है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इसे "इजरायली मीडिया अभियान" करार दिया, जिसका उद्देश्य लेबनान में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को बाधित करना था.

ईरान के हस्तक्षेप का आरोप

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट किया था कि इजरायल ने यू.एस.-नेतृत्व वाले संघर्षविराम समिति को शिकायत की थी कि "ईरानी राजनयिक और अन्य हिजबुल्लाह को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों डॉलर का नकद धन भेज रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ईरानी प्रतिनिधि तेहरान से बेैरूत हवाई अड्डे तक सूटकेस में अमेरिकी डॉलर भरकर जा रहे थे, जबकि तुर्की नागरिक भी इस्तांबुल से बेइरोत तक धन की तस्करी कर रहे थे.

लेबनान का सुरक्षा कदम

इस रिपोर्ट में एक लेबनानी सुरक्षा अधिकारी के हवाले से यह कहा गया कि बैरूत हवाई अड्डे पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है, ताकि हिज़्बुल्ला तक पैसे की तस्करी रोकी जा सके, लेकिन कीमतीं चीजें जैसे रत्न और हीरे बिना जांचे पास हो सकते हैं.