हजारों लोग आज हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को श्रद्धांजलि देने के लिए बेरूत के बाहरी इलाके में एकत्र हुए. करीब पांच महीने पहले इजरायली हवाई हमले में उनकी मौत हो गई थी, जो ईरान समर्थित समूह के लिए एक बड़ा झटका था. हालांकि, विशाल जनसमूह के ऊपर उड़ रहे इज़रायली लड़ाकू विमानों की आवाज़ कुछ देर के लिए नीचे नारे लगा रहे लोगों की आवाज़ को दबा गई.
स्थानीय मीडिया के अनुसार चार इज़रायली एफ-16 विमान अंतिम संस्कार जुलूस के ऊपर उड़ रहे थे. इजरायली सेना ने आज कहा कि दुनिया अब एक बेहतर जगह है. इज़रायली सेना ने एक्स पर लिखा, आज हसन नसरल्लाह का अंतिम संस्कार है. आज दुनिया एक बेहतर जगह है.
⚡️Zionist terrorists warplanes over the funeral pic.twitter.com/pnCIMv4Zgg
— War Monitor (@WarMonitors) February 23, 2025
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, नसरल्लाह और हिजबुल्लाह के झंडे की तस्वीरें लेकर समर्थक रविवार को सुबह-सुबह बेरूत के हिजबुल्लाह-नियंत्रित दक्षिणी उपनगरों में स्थित एक स्टेडियम में नसरल्लाह और समूह के अन्य मारे गए नेताओं के सामूहिक अंतिम संस्कार के लिए एकत्र हुए.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, 55,000 सीटों की क्षमता वाला कैमिली चामौन स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम समारोह शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही लगभग भर गया था. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के खिलाफ "प्रतिरोध" जारी रखने की कसम खाई.
खामेनेई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में कहा, दुश्मन को यह पता होना चाहिए कि अतिक्रमण, उत्पीड़न और अहंकार के खिलाफ प्रतिरोध खत्म नहीं हुआ है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक वांछित लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता. सामूहिक अंतिम संस्कार का उद्देश्य पिछले वर्ष इजरायल के साथ हुए युद्ध में हिजबुल्लाह की करारी हार के बाद उसकी ताकत दिखाना है.
नसरल्लाह की मौत के बाद एक हफ़्ते तक हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व करने वाले हाशेम सफ़ीद्दीन का भी अंतिम संस्कार किया जा रहा था. सार्वजनिक रूप से नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में उनकी घोषणा किए जाने से पहले ही एक इज़रायली हमले में उनकी मौत हो गई थी. उनकी मृत्यु के बाद, नसरल्लाह को अस्थायी रूप से उनके बेटे हादी के बगल में दफनाया गया, जो 1997 में हिजबुल्लाह के लिए लड़ते हुए मारे गए थे. उनके आधिकारिक अंतिम संस्कार में देरी की गई ताकि पिछले साल के युद्ध को समाप्त करने वाले अमेरिका समर्थित युद्धविराम की शर्तों के तहत दक्षिण लेबनान से इजरायली सेना की वापसी के लिए समय मिल सके.