Israeli army is investigating its suspected attacks: बीते 8 महीने से इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में अब तक दोनों ओर से 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं लेकिन जंग रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. इजरायल ने दावा किया है कि इस युद्ध में अब तक उसके सेना द्वारा किए संदेह भरे हमले का वह जांच कर रही है. इजरायल का यह दावा मानवाधिकार और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के उस उस कमेंट के बाद आया है जिसमें इजरायल को वार क्राइम को गुनहगार माना.
गाजा में वर्ल्ड सेंट्रल किचन के काफिले में हमला किया गया था. इस हमले में 5 विदेशी राहतकर्मियों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद इजरायली सेना ने अपनी गलती को स्वीकार किया था. उन्होंने कहा कि गलती से उसने वर्ल्ड सेंट्रल किचेन के काफिले में हमला हुआ है.
इजरायली सेना द्वारा किए गए इस तरह के अन्य संदेह भरे हमलों की जांच अभी जारी है. इजरायली सेना के एडवोकेट जनरल मेजर जनरल यिफात तोमर-येरुशालमी ने कहा कि सेना कथित गलत कामों के लगभग 70 मामलों की जांच कर रही है. इजरायली सेना ने जांच की पूरी सूची का खुलासा करने से इनकार कर दिया और एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वह केवल विशिष्ट जांच के बारे में प्रश्नों का उत्तर दे सकती है.
रविवार को इजरायली सेना ने गाजा में बने फिलिस्तीन के शरणार्थी कैंप में हमला किया था. इस हमले में 45 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें से अधिकतर मृतक महिलाएं और बच्चे हैं.
मंगलवार को इजरायल ने दक्षिणी गाजा शहर राफा में विस्थापित परिवारों को आश्रय देने वाले एक तम्बू शिविर पर हुए खतरनाक हमले की जांच के प्रारंभिक परिणाम का खुलासा किया. सेना के मुख्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि उस दिन 2 हमास आतंकवादियों को खत्म करने के प्रयास में इस्तेमाल किए गए इजरायली हथियार इतने छोटे थे कि वे आग लगने का कारण नहीं बन सकते.