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इजरायल ने ही गाजा में 15 डॉक्टरों को उतारा था मौत के घाट, IDF ने स्वीकारी अपनी गलती

Israeli army admits mistake in killing of 15 doctors in Gaza: संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 के बाद से गाजा में 150 से अधिक इमरजेंसी रिस्पॉन्डर्स और 1000 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Israeli army admits mistake in killing of 15 doctors in Gaza
Courtesy: Social Media

Israeli army admits mistake in killing of 15 doctors in Gaza: इजरायल की सेना ने हाल ही में अपनी गलती स्वीकार की है, जिसमें गाजा में 15 इमरजेंसी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. पहले इजरायल ने दावा किया था कि यह हमला “संदिग्ध” तरीके से आ रहे काफिले पर किया गया था, लेकिन अब इसने यह मान लिया है कि इसका प्रारंभिक बयान गलत था. इस घटना के बारे में वीडियो फुटेज सामने आने के बाद इजरायल को अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी.

23 मार्च को गाजा के दक्षिणी हिस्से के राफा क्षेत्र में इजरायली सेना ने एक हमला किया था, जिसमें आठ रेड क्रिसेंट के कर्मचारी, छह सिविल डिफेंस कार्यकर्ता और एक संयुक्त राष्ट्र (UN) कर्मचारी मारे गए थे. इस काफिले में एंबुलेंस, सिविल डिफेंस वाहन और एक यूएन कार शामिल थी. इजरायल की सेना ने पहले यह कहा था कि काफिला बिना हेडलाइट्स और आपातकालीन सिग्नल के आ रहा था, जिससे उसे संदिग्ध माना गया और फायरिंग की गई.

सही जानकारी सामने आई

लेकिन इस हमले से संबंधित एक वीडियो ने इजरायल के बयान को झूठा साबित कर दिया. यह वीडियो एक मृत पेरामेडिक के जेब से मिला, जिसे एक जीवित सहयोगी ने पुष्टि किया. इस छह मिनट के वीडियो में काफिले के वाहन साफ तौर पर आपातकालीन लाइट्स और प्रतीकों के साथ देखे जा सकते हैं. वीडियो में काफिला पहले से हिट हुए एक एंबुलेंस के पास रुकते हुए दिखाई देता है, और फिर अचानक गोलियां चलने लगती हैं. एक पेरामेडिक को यह कहते हुए सुना जाता है, “माँ, मुझे माफ करना, यह वही रास्ता था जो मैंने चुना था, लोगों की मदद करने के लिए.”

इजरायल की सेना की गलती स्वीकार

इजरायल की रक्षा सेना (IDF) ने अब यह स्वीकार किया है कि काफिले में लाइट्स जल रही थीं और पहले की रिपोर्टें गलत सूचना पर आधारित थीं. उन्होंने यह भी माना कि पेरामेडिक्स के पास हथियार नहीं थे, लेकिन सेना का कहना है कि कुछ पेरामेडिक्स का संबंध हमास से था. इजरायली अधिकारियों के मुताबिक, सैनिकों ने इन पेरामेडिक्स को आतंकवादी समझ लिया क्योंकि काफिला एक ऐसे वाहन के पास रुका था जो पहले हमास द्वारा इस्तेमाल किया गया था.

शवों को छिपाने का आरोप

इस घटना के बाद, इजरायली सैनिकों ने इन मृत पेरामेडिक्स और वाहनों को अगले दिन दफन कर दिया. उनका कहना था कि यह शवों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए किया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इस दावे को नकारा और इस घटनास्थल की खोज एक हफ्ते बाद की.

स्वतंत्र जांच की मांग

पलिस्तीनी रेड क्रिसेंट और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है. योनस अल-खतीब, पलिस्तीनी रेड क्रिसेंट सोसाइटी (PRCS) के अध्यक्ष, ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, “हम सेना की किसी भी जांच पर विश्वास नहीं करते.”