Israel mission in Syria: सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्ता से हटाए जाने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सीरिया के कब्जे वाले गोलान हाइट्स को लेकर एक बार फिर एक्टिव नजर आ रहे हैं. इजरायल द्वारा गोलान हाइट्स में बस्तियों का विस्तार की योजना बनाई जा रही है. जिसे लेकर कई देशों ने निंदा की है.
इज़राइल के सहयोगी जर्मनी ने भी सोमवार को गोलान हाइट्स (अवैध रूप से कब्जे वाले सीरियाई क्षेत्र) में इज़राइली बसने वालों की आबादी को दोगुना करने के इज़राइल के फैसले की निंदा की है. इजरायल सरकार की ओर इस बात की मंजूरी तब दी गई जब अल-असद सरकार का पतन हुआ. इज़राइली सेना ने सीरिया के और अधिक क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है.
इसके अलावा इजरायल की ओर से सीरिया के सैन्य स्थलों और अनुसंधान केंद्रों को भी निशाना बनाया गया. IDF की ओर से सैकड़ों हमले किए गए. गोलान पर कब्जा करने की इजरायली योजना की दुनिया भर में निंदा की जा रही है. जॉर्डन की ओर से इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया गया है. वही तुर्की ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे इजरायल द्वारा अपनी सीमाओं का विस्तार करने की कोशिश बताई गई है.
सीरिया के हालात को देखते हुए सऊदी अरब ने भी इजरायल द्वारा किए गए हमले की निंदा की है. जिसमें कहा गया की सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने की संभावनाओं को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है. मिस्र ने इस योजना की निंदा करते हुए इसे सीरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करार दिया है. वहीं जर्मनी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि इजरायल द्वारा नियंत्रित यह क्षेत्र सीरिया का है.
बता दें कि इजरायल ने 1967 में गोलान पर कब्जा कर लिया और बाद में 1981 में इसे अपने कब्जे में ले लिया. जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश लोग नाजायज मानते हैं. सीरिया में जारी विद्रोह के बीच इजरायल की ओर से हाल में ही गोलान में बसने वालों की आबादी बढ़ाने के लिए 40 मिलियन शेकेल से अधिक का आवंटन करने की तैयार कर रहा है. इस मामले को लेकर इजरायली पीएम नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि गोलान को मजबूत करना इजरायल राज्य को मजबूत करना है. इस समय हमारे लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. हम इसे विकसित करेंगे और इसमें बसेंगे. वहीं सीरिया में नए अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे इजरायल के साथ टकराव नहीं चाहते हैं.
इजरायली सेना द्वारा किए जा रहे हमले के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को बताया कि उसके बलों ने सीरिया में हवाई हमले किए हैं. जिसमें 12 ISIL (ISIS) आतंकवादी मारे गए हैं. अमेरिकी अधिकारी की ओर से कहा गया कि ISIS नेताओं, गुर्गों और शिविरों को कमजोर करने के लिए हमने यह हमला किया. जिससे की आतंकवादी समूह को बाहरी ऑपरेशन करने से रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ISIS मध्य सीरिया में फिर से संगठित होने के अवसरों की तलाश न करे.