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India Daily

व्हाइट हाउस में होगी डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नेतन्याहू की मुलाकात, इस दिन होगी बैठक

Netanyahu Trump Meeting: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 फरवरी को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए इनवाइट किया है. इस बात की जानकारी इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने मंगलवार को दी.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Netanyahu Trump Meeting

Netanyahu Trump Meeting: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 फरवरी को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए इनवाइट किया है. इस बात की जानकारी इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने मंगलवार को दी. इस बैठक को लेकर और जानकारी बाद में दी जाएगी, लेकिन यह महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नेतन्याहू व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान इनवाइट होने वाले पहले विदेशी नेता होंगे.

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने नेतन्याहू को अगले सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस में मिलने का इनवाइट भेजा है. हालांकि, बैठक की तारीख और समय क्या होगा इसकी जानकारी नहीं मिली है। लेकिन यह बैठक एक ऐसे समय पर हो रही है जब गाजा में इजरायल और आतंकवादी समूह हमास के बीच संघर्ष में अस्थायी युद्धविराम लागू है. यह युद्धविराम छह सप्ताह तक चलने की संभावना है.

फिलस्तीनियों को वहां से निकालने का सुझाव:

इस बैठक से पहले, ट्रंप ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों को वहां से निकालने का सुझाव दिया था. ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि मिस्र फिलस्तीनियों को अपने यहां ले जाए और इस प्रोसेस में उनका मदद करे. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि फलस्तीनियों को एक ऐसे स्थान पर रखा जाए जहां उन्हें कोई हिंसा या परेशानी का सामना न करना पड़े.

किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को स्थापित होने की अनुमति नहीं: 

इसके साथ ही, इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने यह भी कहा कि इजरायल की सेना सीरिया में किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को स्थापित होने की अनुमति नहीं देगी. उन्होंने यह बयान दक्षिणी सीरिया के माउंट हरमोन इलाके का दौरा करने के बाद दिया, जहां इजरायल ने पिछले कुछ समय में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र पर कब्जा किया है. इजरायल ने यह भी स्पष्ट किया है कि माउंट हरमोन पर उसकी सेना अनिश्चितकाल तक तैनात रहेगी, क्योंकि यह क्षेत्र सीरिया-लेबनान सीमा पर स्थित है और बहुत महत्वपूर्ण है.