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हमास फ्लावर तो फायर है हिजबुल्लाह, लेबनान को तबाह करने में टूट जाएगा इजरायल का गुरूर!

मध्य-पूर्वी एशिया के इस्लामिक देशों से इजरायल की बन नहीं रही है. इजरायल ने पहले फिलिस्तीन के गाजा और रफाह को बर्बाद किया, ईरान से पंगा लिया और अब बारी लेबनान की है. इजरायल ने हाल ही में एक साथ लेबनान पर 35 रॉकेट दागे. बड़ी तबाही तो नहीं मची लेकिन इशारा साफ हो गया कि अब ये देश भी सुरक्षित नहीं है. हिजबुल्लाह ने कैसे इजरायल को टेंशन दे दी है, आइए समझते हैं.

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Edited By: Abhishek Shukla
Israel–Hezbollah conflict
Courtesy: India Daily

ईरान और फिलिस्तीन से पंगा लेने के बाद अब एक नया देश, इजरायल के निशाने पर है. पूर्व वॉर कैबिनेट के सदस्य बेनी गैंट्ज ने हर्जलिया रीचमैन यूनिवर्सिटी में हाल ही में कुछ ऐसा कहा था, जो साफ इशारा कर रहा है कि अब लेबनान की भी तबाही तय है. उन्होंने कहा था कि इजरायल अगर चाहे तो लेबनान को अंधेरे में डुबो दे और हिजबुल्लाह की ताकत को कुछ दिनों में खत्म कर दे. ये बयान नहीं, इशारा है कि अब वहां कुछ बड़ा हो सकता है. इजरायल ने लेबनान पर इस बयान के बाद ही 35 रॉकेट दाग दिए. गनीमत ये रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. हिजबुल्लाह के आतंकी, लेबनान में बैठे हैं और उनका वहां सिंडेकेट चलता है. उन्हें बाहर निकालना, असंभव जैसा है. 

लेबनान और हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के तेवर साफ हैं. अगर लेबनान ने हिजबुल्लाह को शरण दी तो इजरायल कुछ भी कर सकता है. लेबनान का पावर ग्रिड भी इजरायल की जद में है. यह पहले से ही कुप्रबंधन, आर्थिक कंगाली और भ्रष्टाचार की वजह से बहुत मुश्किल से काम कर रहा है, ऐसे में इजरायल की धमकी और डराने वाली है. बेंजामिन नेतन्याहू से एक गलती हो रही है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि फिलिस्तीन की तरह किसी कमजोर देश का बैकअप, लेबनान के आतंकी समूह हिजबुल्लाह को नहीं है. ईरान उसे फंडिंग भी देता है और हथियार भी.

'अगर फायर को समझे फ्लावर तो तबाही तय'

हिजबुल्लाह की तुलना में हमास फ्लावर है लेकिन ये संगठन फायर है. हिजबुल्लाह, इजरायल के लिए बड़ी चुनौती है, ऐसे में उसे खत्म करने के लिए लेबनान पर दबाव बनाना, इजरायल के लिए बेहद कठिन है. लेबनानी आतंकी समूह से इजरायल साल 2006 से अलग-अलग मोर्चे पर जूझ रहा है. ऐसे में ऐसा हो सकता है कि अब ये जंग और तेज हो जाए. ईरान, हमास और लेबनान से भिड़ने में इजरायल के पसीने छूट सकते हैं. 

हिजबुल्लाह एक अरसे से युद्ध की तैयारियां कर रहा है. इजरायली खुफिया एजेंसियों का दावा है कि हिजबुल्लाह के पास कम से कम 15,0,000 मिसाइल और रॉकेट हैं. अक्टूबर से अब तक 5,000 मिसाइलें और रॉकेट हमले किए गए हैं. हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कहा भी है कि हमारे ज्यादातर हथियार ठीक हैं और सही तरीके से काम कर रहे हैं.

...हिजबुल्लाह है इजरायल के लिए गले की फांस

इजरायली डिफेंस फोर्सेज के लिए अब भी हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह खतरा बने हुए हैं. इजरायल की विजिलेंस चौकियों पर लेबनानी आतंकी हमला बोल देते हैं. वहां के आयरन डोम और एंटी ड्रोन सिक्योरिटी सिस्टम पर भी हमला बोला जाता है. इजरायल इसे अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. बुराई ये है कि इजरायल का प्रतिरोध बहुत खतरनाक होता है. हिजबुल्लाह की जद में इजरायल के शहर हाइफा और उसके आसपास के नागरिक इलाके हैं. हिजबुल्लाह ने जब वहां से सैन्य ढांचे की तस्वीरें सार्वजनिक की तो इजरायल की चिता बढ़ गई.

कितनी खतरनाक होगी ये जंग?

CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल और हमास की जंग से ज्यादा खतरनाक ये जंग हो सकती है. हिजबुल्लाह के पास करीब 40,000 से 50,000 लड़ाके हैं जो प्रोफेशनल हैं. उनकी खतरनाक ट्रेनिंग हुई है. हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कहा भी था कि लड़ाके 1,00,000 से ज्यादा हैं. सीरिया सिविल वॉर के दौरान इन लड़ाकों ने जबरदस्त ट्रेनिंग भी हासिल की है. 

हिजबुल्लाह के लड़ाके, हमास के बाप हैं!

हिजबुल्लाह अनुशासित फोर्स है. यह दूसरे गुरिल्ला आतंकियों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रोफेशनल है. साल 2006 की लड़ाई में यह लड़ाई हिजबुल्लाह को भारी पड़ी थी लेकिन अब हालात बदल गए हैं. गाजा की तरह, लेबनान के पास गद्दार पड़ोसी नहीं हैं. बगल में सीरिया है, दूसरी तरफ इराक है, जिनकी पहुंच ईरान तक है. सीरिया में इजरायल, एक अरसे से उन ठिकानों पर हमले करता रहा है, जहां उसे लगता है कि इन ठिकानों से हिजबुल्लाह के लिए हथियारों का ट्रांसपोर्टेशन होता है.

हिजबुल्लाह से इजरायल को भी लगता है डर!

अगर जंग छिड़ती है तो दोनों एक-दूसरे पर विध्वंसक तरीके से भारी पड़ सकते हैं. ईरान समर्थिक आतंकी समूह हिजबुल्लाह ने साल 2006 में  2,500 से 3000 रॉकेट इजरायल पर दागे थे. सब हमले सघन आबादी वाली जगहों पर हुए थे. कुल 34 दिनों तक चली जंग में हिजबुल्लाह ने 4000 रॉकेट दागे थे. हर दिन 117 के करीब रॉकेट छोड़े गए. लेबनान और इजरायल, दोनों ने इसकी कीमत चुकाई थी. 

किस ओर बढ़ रही है ये जंग?

यमन में हूती विद्रोही, अब ईरान की मदद से इजरायल की ओर बैलिस्टिक मिसाइलें भेज रहा है. लाल सागर में शिपिंग को टार्गेट किया जा रहा है. अमेरिका के जंगी बेड़े वहां मौजूद हैं, फिर भी ये हिमाकत विद्रोही कर रहे हैं.  

लेबनान का क्या होगा अंजाम?

लेबनान और इजरायल के बीच अक्टूबर से ही रिश्ते सामान्य नहीं हैं. यह तनाव अब और बढ़ने वाला है. दोनों देशों के बीच जंग की आशंका और बढ़ रही है. दोनों ओर से बयानबाजी हो रही है. भारत, जर्मनी, स्वीडन, कुवैत, नीदरलैंड और कई देशों ने अपने नागरिकों से साफ कह दिया है कि वहां की यात्रा न करें. अगर वहां फंसे हैं तो अपने दूतावास के संपर्क में रहें. बेंजामिन नेतन्याहू माफ करने वाले नेताओं में नहीं हैं. अगर लेबनान की तरफ से कोई और प्रतिक्रिया आती है तो वहां का भी हाल रफाह और गाजा की तरह हो सकता है. डर बस बेंजामिन नेतन्याहू को यही है कि ये हमास नहीं, हिजबुल्लाह है, जिसके लड़ाकों ने लड़ाई की ट्रेनिंग, सीरिया और इराक में ली है. वही जमीन, जहां से ISIS के लड़ाके दुनियाभर में निकले और जिन्होंने हंसते-खेलते देश को कब्रिस्तान बना दिया.

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