Israel-Iran Tension: ईरान अगले एक या दो दिन में इजराइल पर हमला कर सकता है. ये दावा ऐसे वक्त में किया गया है, जब कुछ घंटे पहले ही ईरान ने सीरिया एयर स्ट्राइक में अपने दो जनरल के मारे जाने के बाद इजराइल को बर्बाद करने की कसम खाई थी. एयर स्टाइक में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कमांडर्स की भी मौत हो गई थी. अगर दावे के मुताबिक, ईरान, इजराइल पर हमला करता है तो भारत का क्या रूख होगा? भारत सरकार किसका सपोर्ट करेगी? दुनिया के मुस्लिम समेत कौन से देश किसके साथ खड़े होंगे, आइए जानते हैं.
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ईरान और इजराइल के बीच जंग के जल्द ही शुरू होने का दावा किया है. कहा गया है कि ईरान अपने ड्रोन्स और मिसाइल्स को इजराइल पर हमले के लिए तैयार कर रहा है. अमेरिकी अखबार के दावों के बाद भारत समेत कई अन्य देशों ने इजराइल और ईरान में रह रहे अपने देश के नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि अगर कोई इजराइल या फिर ईरान की यात्रा पर जाने का प्लान कर रहे हैं, तो फिलहाल वहां न जाएं.
सवाल ये कि अगर ईरान और इजराइल के बीच जंग होती है, तो कौन सा देश किसके साथ होगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ईरान, इजराइल पर अटैक करता है, तो इस हमले के समर्थन में एक साथ कई मुस्लिम देश खड़े रहेंगे. इन देशों में सीरिया, इराक, तुर्किए, कतर, जॉर्डन जैसे देश शामिल हैं. इनके अलावा, मीडिया ईस्ट का सबसे बड़ा देश सऊदी अरब भी ईरान के साथ खड़ा रह सकता है.
इनके अलावा, वर्तमान में जंग से जूझ रहा रूस भी ईरान के साथ खड़ा हो सकता है. माना जाता है कि रूस हर उस देश के साथ खड़ा होता है, जिनकी अमेरिका से दुश्मनी होती है. ऐसा हुआ तो फिर चीन, उत्तर कोरिया और मध्य एशिया के कई अन्य मुस्लिम देश भी ईरान के साथ आ सकते हैं.
इजराइल और हमास के बीच जंग से पहले रूस और यूक्रेन का युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है. जंग को लेकर भारत का रूख कई मंचों पर स्पष्ट रहा है कि बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए, जंग किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है. ऐसे में अगर ईरान और इजराइल के बीच जंग होती है तो फिर भारत एक बार फिर तटस्थ स्थिति अपना सकता है. यानी भारत किसी के सपोर्ट में खड़ा नहीं होगा, क्योंकि इजराइल के साथ-साथ ईरान के साथ भी भारत के संबंध अच्छे हैं.
ईरान की ओर से इजराइल पर हमले की धमकी वाले बयान के बाद अमेरिका की भी नजर दोनों देशों पर बनी हुई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका हर उस हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा, जो अमेरिकी हितों, सैनिकों या उसके बेस को खतरा पहुंचाएगा. डेली मेल के मुताबिक, ईरान के किसी भी तरह के हमले के पहले ही अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है.
दरअसल, 1 अप्रैल को दमिश्क (सीरिया की राजधानी) में एयर स्ट्राइक हुआ, जिसमें ईरान के जनरल समेत 7 लोगों की मौत हो गई. ईरान ने दावा किया कि इजराइल की ओर से ये स्ट्राइक की गई थी. इसके बाद ही ईरान ने इजराइल के खिलाफ जंग की बात कही. हालांकि, ईरान की इस धमकी के बाद इजराइल की अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.