सीरिया में इजरायल का घुसना... खतरा या अवसर? क्या है सरकार का कहना

Israel Syrian Buffer Zone: सीरिया में अस्थिरता से इजराइल को खतरे और अवसर दोनों मिले हैं. इजराइल ने 1974 के बफर जोन के कुछ हिस्सों पर अस्थाई कब्जा किया है, जिसे प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सीमा सुरक्षा के लिए जरूरी बताया. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इसे समझौते का उल्लंघन कहा है. इजराइल का उद्देश्य हिजबुल्लाह तक हथियारों की तस्करी रोकना और सीमा स्थिरता बनाए रखना है.

Shilpa Srivastava

Israel Syrian Buffer Zone: सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के गिरने से इजराइल के लिए खतरे और अवसर दोनों पैदा हुए हैं. एक तरफ, यह चिंता है कि सीरिया में अस्थिरता इजराइल के क्षेत्र में फैल सकती है, लेकिन दूसरी तरफ, यह स्थिति इजराइल को सीरिया के जरिए हिजबुल्लाह तक हथियारों की तस्करी रोकने का मौका भी देती है. इजराइल ने सीरिया और अपने कंट्रोल वाले गोलन हाइट्स के बीच 1974 में बने डिमिलिट्राइज्ड बफर जोन के कुछ हिस्सों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे अस्थाई कदम बताया है, जो सीरियाई सेना की वापसी के बाद सीमा की सुरक्षा के लिए जरूरी है.

रविवार को गोलन हाइट्स का दौरा करते हुए नेतन्याहू ने कहा, "सीरियाई सेना के पीछे हटने के कारण बफर जोन में हमारी अस्थाई उपस्थिति काफी जरूरी हो चली है." इस कदम से लगभग 400 वर्ग किलोमीटर के एरिया को सुरक्षित करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई है. यूएन के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि यह कदम 1974 के समझौते का उल्लंघन है. लेकिन यूएन ने यह भी पुष्टि की कि शांति सैनिक अभी भी उस क्षेत्र में तैनात हैं और स्थिति शांत बनी हुई है.

इजराइल ने इस बफर जोन में अपने अभियानों को तेज कर दिया है, जिसमें माउंट हर्मन के सीरियाई हिस्से को शामिल करना भी शामिल है. नेतन्याहू ने कहा कि यह रणनीतिक क्षेत्र को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. इस कदम पर कई देशों ने नाराजगी जताई है. मिस्र ने इसे सीरियाई संकट का फायदा उठाने और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. वहीं, इजराइल ने इसे सीरियाई सीमा पर स्थिरता लाने और ईरान द्वारा हिजबुल्लाह को हथियारों की सप्लाई को रोकने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है.

विशेषज्ञ इसे अस्थाई सुरक्षा रणनीति मानते हैं. साथ ही, इजराइल सीरिया के ड्रूज समुदाय और विद्रोही गुटों से संपर्क बढ़ा रहा है ताकि ईरानी समर्थक ताकतों का प्रभाव कम किया जा सके.