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India Daily

'आतंक के घोंसले', इजरायल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में क्यों बढ़ाई सेना, रक्षा मंत्री ने बता दिया पूरा प्लान

इसराइली सरकार का कहना है कि यह सैन्य कार्रवाई क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक है. वे इन शिविरों को आतंकवादियों के छिपने के स्थान मानते हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
 Israel increase army in the West Bank Israeli Defense Minister Israel Katz

इसराइल ने कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में अपनी सैन्य उपस्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा दिया है. उसने तीन शरणार्थी शिविरों से लोगों को निकाला है और वहां अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है.

रक्षा मंत्री का बयान

इसराइल के रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने कहा है कि जेनिन, तुल्कर्म और नूर शम्स में फ़लस्तीनी शिविरों को खाली कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों में एक साल तक सेना का कब्ज़ा रहेगा. काट्ज ने इन शिविरों को "आतंक के घोंसले" बताते हुए कहा कि उन्हें साफ़ कर दिया गया है.

बढ़ती हिंसा
पिछले महीने ग़जा युद्धविराम समझौते के बाद से वेस्ट बैंक में पचास से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे गए हैं. इस क्षेत्र में बढ़ती हिंसा ने स्थानीय लोगों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है.

फ़लस्तीनियों की चिंता
कई फ़लस्तीनियों को डर है कि इसराइल इस क्षेत्र पर स्थायी रूप से कब्ज़ा करने का इरादा रखता है. वे इस सैन्य कार्रवाई को उनकी भूमि पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखते हैं.

सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य
इसराइली सरकार का कहना है कि यह सैन्य कार्रवाई क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक है. वे इन शिविरों को आतंकवादियों के छिपने के स्थान मानते हैं.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इसराइली सेना की इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की है. कई मानवाधिकार संगठनों ने फ़लस्तीनी नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन की आशंका जताई है.

स्थानीय लोगों की स्थिति
शरणार्थी शिविरों से निकाले गए लोगों की स्थिति अनिश्चित है. उन्हें अपने घरों से बेघर होना पड़ा है और उनके पास रहने के लिए कोई निश्चित स्थान नहीं है.

क्षेत्र में तनाव
इस सैन्य कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. फ़लस्तीनी और इसराइली सैनिकों के बीच झड़पों की संभावना बढ़ गई है.