Israel Haredim Jews: इजरायल में सेना को जंग के दौरान सैनिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या के समाधान के लिए इजरायल अब अति-रूढ़िवादी यहूदियों को भी सेना में भर्ती करने पर विचार कर रहा है. इन्हें हरेदीम (Haredim) कहा जाता है, जो यहूदी धर्म के सबसे कट्टर अनुयायी होते हैं. इजरायल की सेना, IDF ने हाल ही में इन अति-रूढ़िवादी यहूदियों के लिए अपनी पहली भर्ती प्रक्रिया शुरू की है.
IDF ने सोमवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि 50 अति-रूढ़िवादी जवानों को सेना में भर्ती किया गया है, और ये जवान अब 'हाहाश्मोनाइम' नाम के ब्रिगेड की पहली कंपनी का हिस्सा बन गए हैं. इसके अतिरिक्त, 100 और हरेदीम को छह महीने की प्रशिक्षण प्रक्रिया के बाद इस ब्रिगेड की रिजर्व कंपनी में शामिल किया जाएगा. यह कदम इजरायल सरकार की तरफ से युद्ध के समय की आवश्यकताओं को पूरा करने और हरेदीम समुदाय को सेना से जोड़ने के लिए उठाया गया है.
कौन होते हैं हरेदीम यहूदी?
हिब्रू भाषा में हरेदीम का मतलब होता है 'अति-रूढ़िवादी' और ये यहूदी धर्म के ऐसे अनुयायी होते हैं जो अपनी धार्मिक आस्थाओं को जीवन के हर पहलू में अपनाते हैं. वे समाज से अलग रहते हुए अपनी पूजा और प्रार्थना करते हैं. हरेदीम समुदाय में महिलाएं लंबे और साधारण वस्त्र पहनती हैं और सिर को ढकती हैं, जबकि पुरुष काले रंग के सूट या ओवरकोट और बड़ी फर वाली टोपी पहनते हैं.
The IDF has started its first recruitment for the ultra-orthodox brigade ‘Hahashmonaim’.
— Israel Defense Forces (@IDF) January 5, 2025
◾️Approx. 50 ultra-orthodox recruits enlisted today, forming the brigade’s first company.
◾️Approx. 100 additional ultra-orthodox people will be part of the brigade’s first reserves company… pic.twitter.com/Wc7xmloiaw
अभी तक थी कानूनी छूट
अब तक इजरायल के कानून के तहत हरेदीम को सेना में अनिवार्य भर्ती से छूट प्राप्त थी. इसे 'टोराटो उमानुतो' कहा जाता था, जिसका अर्थ है कि उनका मुख्य कार्य धर्म का अध्ययन करना है. हालांकि, पिछले साल जुलाई में इस कानूनी छूट को समाप्त कर दिया गया, जिसके बाद इजराइल में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
यह कदम इजरायल की सेना और सरकार की ओर से धार्मिक समुदायों को अधिक शामिल करने और सेना की भर्ती की जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया गया है. हरेदीम समुदाय की यह नई भूमिका इजरायल की सैन्य और सामाजिक संरचना में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है.