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Israel-Hamas war: रमजान शुरु होते ही गाजा का दाना-पानी बंद, इजरायल ने दवाओं और ईंधन की आपूर्ति पर लगाई रोक

पूर्व ह्यूमन राइट्स वॉच प्रमुख केनेथ रोथ ने कहा कि इज़राइल को जीनिवा संधियों के तहत मानवीय सहायता की अनुमति देने की "पूर्ण जिम्मेदारी" है. यह क़दम युद्ध अपराधों की पुनरावृत्ति के रूप में देखा जा सकता है.

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Israel-Hamas war: हमास पर दबाव बढ़ाने के लिए इजरायल ने रविवार (2 फरवरी) को गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति पर रोक लगा दी.  जिससे इसे व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा. इजरायल ने चेतावनी दी कि यदि नाजुक संघर्षविराम को बढ़ाया नहीं गया, तो हमास के खिलाफ "अतिरिक्त परिणाम" भुगतने होंगे. बता दें कि, इजरायल चाहता है कि युद्धविराम समझौते का पहला चरण बढ़ाया जाए, जिसमें बंधकों की रिहाई जारी रहे, लेकिन हमास इसके लिए तैयार नहीं है.

मानवीय क़ानून का उल्लंघन और भूख को हथियार बनाना

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिडिल ईस्ट देश मिस्र और कतर ने इज़रायल पर मानवीय क़ानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जिसमें भूख को हथियार के रूप में उपयोग करने का आरोप शामिल था. संघर्षविराम के पहले चरण में मानवीय सहायता में वृद्धि देखी गई, जिससे भूख और संकट में फंसी गाजा की जनता को कुछ राहत मिली थी. हालांकि, हमास ने इज़रायल के इस कदम को युद्ध अपराध और संघर्षविराम पर हमले के रूप में देखा.

संघर्षविराम के दूसरे चरण के लिए मुआवजे की शर्तें

संघर्षविराम के दूसरे चरण में हमास की योजना थी कि वह गाजा में बचे हुए बंधकों को रिहा करेगा, बदले में इज़रायल गाजा से अपनी सेनाओं को वापस बुलाएगा और एक स्थायी संघर्षविराम लागू होगा. हालांकि, ये बातचीत पहले ही एक महीने पहले शुरू होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है.

अमेरिका का नया प्रस्ताव और इज़रायल का समर्थन

इज़रायल ने रविवार को कहा कि अमेरिका का एक नया प्रस्ताव है, जिसमें रमजान और यहूदी पासोवर के दौरान संघर्षविराम बढ़ाने का सुझाव दिया गया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत, हमास पहले दिन आधे बंधकों को रिहा करेगा और शेष बंधकों की रिहाई स्थायी संघर्षविराम समझौते पर निर्भर करेगी.

संघर्षविराम की समाप्ति पर अंतर्राष्ट्रीय चेतावनियां

संघर्षविराम के चलते हजारों जिंदगियां बची हैं, और रेड क्रॉस समिति ने चेतावनी दी कि इस प्रगति का उलटफेर गाजा में स्थितियों को और बिगाड़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख टॉम फ्लेचर ने इज़रायल के इस निर्णय को "चिन्ताजनक" बताते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय क़ानून यह स्पष्ट करता है कि आपूर्ति के रास्ते को खोला जाना चाहिए.

गाजा में बिगड़ती स्थिति

संघर्षविराम के दौरान गाजा में प्रतिदिन 600 सहायता ट्रकों की एंट्री हो रही थी, जिससे भुखमरी का खतरा कम हुआ था. लेकिन अब सहायता रोकने से कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी हो गई है. ऐसे में जबालिया शरणार्थी शिविर से फयज़ा नासर ने कहा कि यह स्थिति और भी बदतर हो जाएगी, "यहां अकाल और अराजकता होगी.

इज़रायल पर पहले भी सहायता रोकने का आरोप

इजरायल पर युद्ध के पहले दिनों से ही गाजा में घेराबंदी करने का आरोप लगाया गया था. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने इज़रायल पर "भूख को युद्ध का हथियार" बनाने का आरोप लगाया थाय

मानवाधिकार और संघर्षविराम का भविष्य

पूर्व ह्यूमन राइट्स वॉच प्रमुख केनेथ रोथ ने कहा कि इज़राइल को जीनिवा संधियों के तहत मानवीय सहायता की अनुमति देने की "पूर्ण जिम्मेदारी" है. यह क़दम युद्ध अपराधों की पुनरावृत्ति के रूप में देखा जा सकता है.