Israel-Hamas war: हमास-हिजबुल्लाह के साथ युद्ध ने इजरायल को बनाया कंगाल, 97 लाख के देश में 20 लाख गरीबी रेखा से नीचे, 870,000 बच्चे शामिल

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इजरायल की 20.7% जनसंख्या गरीबी से प्रभावित है, जिसमें 27.9% बच्चे और 12.8% वरिष्ठ नागरिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के भीतर गरीबी का स्तर चिंताजनक स्थिति में है.

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Mayank Tiwari

Israel-Hamas war: इजरायल और हमास के बीच युद्ध होने से फिलिस्तीन और गाजा के साथ-साथ इजरायल को भी बहुत नुकसान हुआ है. इस युद्ध के कारण गंभीर आर्थिक मंदी आई है. इस बीच नेशनल इंश्योरेंस इंस्टीट्यूट द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इजरायल में लगभग दो मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे होंगे, जिनमें 872,400 बच्चे और 158,500 वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं. वहीं, इजरायल में कुल 1.98 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, जिससे यह देश आय के आधार पर OECD की गरीबी रेटिंग में अंतिम से दूसरे स्थान पर है.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इज़राइल की 20.7% जनसंख्या गरीबी से प्रभावित है, जिसमें 27.9% बच्चे और 12.8% वरिष्ठ नागरिक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के भीतर गरीबी का स्तर चिंताजनक स्थिति में है. बता दें कि, इज़राइल और हमास युद्ध ने इन स्थितियों को और खराब कर दिया, जिससे घरों, अस्पतालों, स्कूलों, पानी और स्वच्छता प्रणालियों और खाद्य सुरक्षा को व्यापक क्षति हुई.

अरब और हरेदी समुदायों में गरीबी की उच्च दर

वहीं, गरीबी की दर सबसे अधिक अरब और हरेदी (अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स) समुदायों में पाई जा रही है. सबसे गरीब क्षेत्र के रूप में हरेदी बस्ती मोडीइन इलित का नाम सामने आया है. इसके बाद यरुशलम, बेत शमेश, ब्नेई ब्राक और लोड जैसे शहरों का स्थान है. इन इलाकों में गरीबों की संख्या अधिक देखी जा रही है.

राष्ट्रीय बीमा संस्थान ने बताए धन बांटने के तरीके!

अपनी सिफारिशों में, राष्ट्रीय बीमा संस्थान ने कहा है कि व्यवस्था कानून के साथ सावधानी बरती जानी चाहिए. जो राज्य बजट का एक सहयोगी है जो यह निर्धारित करता है कि धन कैसे वितरित किया जाएगा. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आबादी के सबसे कमजोर वर्गों को और अधिक नुकसान न पहुंचे.

इजरायल को जंग में हुआ काफी नुकसान

इजरायल और हमास के बीच युद्ध ने दोनों पक्षों को भारी नुकसान पहुंचाया है. इजरायल ने युद्ध के कारण 100,000 फ़िलिस्तीनी श्रमिकों को काम पर नहीं आने दिया, जिससे उनकी आय पर गंभीर प्रभाव पड़ा. अनुमानित 300,000 फिलिस्तीनी गरीबी में चले गए. गाजा में रोजगार में 61% और वेस्ट बैंक में 24% की गिरावट आई.