Israel Gaza Airstrike: इजरायल ने बताया गाजा में क्यों मचाया तांडव, मरने वालों का आंकड़ा 400 के पार, बौखलाया हमास कब करेगा पलटवार?

गाजा में इजराइल के हमलों के चलते स्थिति और भी जटिल हो गई है, और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष अब एक और मोड़ पर पहुंच चुका है. इस बीच इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम के बावजूद हमास के खिलाफ 'सैन्य बल बढ़ाने' का वादा किया है, लेकिन यह साफ नहीं है कि क्या उनका इरादा पूरी तरह से युद्ध फिर से शुरू करने का है.

Imran Khan claims
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Israel-Hamas war: इजरायल ने सीजफायर के खत्‍म होने के बाद गाजा पर सबसे भीषण धावा बोला है. इस बीच हमास का दावा है कि इजरायली सेना के हमलों में अब तक 413 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 660 लोग घायल हो गए हैं, जैसा कि हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट किया है. ये हमले 19 जनवरी के युद्ध विराम के बाद गाजा में हुए सबसे बड़े हवाई हमले के रूप में सामने आए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सुरक्षा बलों का कहना है कि वह हमास के "आतंकी ठिकानों" को निशाना बना रहा है. यह हमले ऐसे समय हो रहे हैं जब ग़ज़ा में युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के लिए की गई बातचीत किसी समझौते पर नहीं पहुँच पाई है. इस बीच, गाजा की मेडिकल सुविधाएं "अत्यधिक प्रभावित" हो गई हैं.

गाजा में मेडिकल सुविधाओं की क्या है स्थिति!

रेड क्रॉस ने बताया कि इजरायली सेना के हमलों के बाद गाजा में कई चिकित्सा सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज के प्रवक्ता, टॉमासो डेला लोंगा ने जिनेवा में एक ब्रीफिंग के दौरान कहा, "हमने फिलिस्तीन क्रिसेंट के सहकर्मियों से सुना कि ग़ज़ा में कई चिकित्सा सुविधाएं सचमुच अभिभूत हैं.

बंधक परिवारों ने यरुशलम में किया विरोध प्रदर्शन 

इजरायली बंधकों के परिवारों ने यरुशलम में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से युद्ध को रोकने की अपील की. उनका कहना है कि सैन्य अभियान की वजह से गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए उनके प्रियजनों की जान को खतरा हो सकता है. बंधक परिवार फोरम ने एक बयान में कहा, "सैन्य अभियान फिर से शुरू करने के फैसले से 59 बंधकों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

इजराइली सरकार का कैसा है रुख?

इज़राइली सरकार का कहना है कि बातचीत विफल होने के बाद, बंधकों को वापस लाने का एकमात्र रास्ता सैन्य दबाव है. हालांकि, कुछ परिवारों का एक छोटा समूह, जिसे टिकवा फोरम के नाम से जाना जाता है, इस सैन्य कार्रवाई का समर्थन कर रहा है. उनका कहना है कि हमास कभी भी "स्वेच्छा से" बंधकों को वापस नहीं करेगा.

टिकवा फोरम ने कहा, "केवल सैन्य दबाव, बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने सहित पूर्ण घेराबंदी और उन क्षेत्रों पर कब्जा, जो हमास के पतन का कारण बनेंगे, जिससे ही उसे युद्ध विराम और समझौते की मांग करने के लिए मजबूर करेगा, जो सभी बंधकों को एक साथ वापस लाएगा.
 

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