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India Daily

Israel-Hamas Ceasefire: हमास ने तीन इजरायली बंधको को छोड़ा तो बदले में इजरायल ने 4 फलिस्तीनी नागरिकोंं को किया रिहा

युद्धविराम के बावजूद दोनों पक्षों के बीच तनाव और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बनी हुई है, लेकिन क़ैदियों की रिहाई एक सकारात्मक कदम है, जो शांति की दिशा में एक नई उम्मीद जगा सकता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
इजरायल-हमास युद्धविराम समझौते के बीच क़ैदियों की रिहाई
Courtesy: Social Media

Israel-Hamas Ceasefire:  इजरायल-हमास के बीच युद्धविराम के समझौते बाद इजरायली बंधकों की रिहाई का सिलसिला जारी है. इधर, इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते पर उठती आशंकाओं के बीच, इजरायल ने कुछ फ़लस्तीनी क़ैदियों को रिहा कर दिया है. यह रिहाई उस समय हुई जब हमास ने भी तीन बंधकों को छोड़ा था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार (15 फरवरी) को रिहा किए गए कैदियों को लेकर रेड क्रॉस की एक बस रामल्लाह पहुंची है, जहां पर क़ैदियों के परिजनों और अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया है.

रामल्लाह में रिहा कैदियों का स्वागत

रामल्लाह में बड़ी संख्या में लोग और क़ैदियों के परिजन इकट्ठा हुए थे. इस दौरान लोग एक-दूसरे को गले लगाते हुए खुशी जाहिर कर रहे थे. यह दृश्य काफी भावुक था क्योंकि कई परिवारों को अपने प्रियजनों को वापस पाने का अवसर मिल रहा था.

हमास द्वारा छोड़े गए बंधक

हालांकि, इससे कुछ समय पहले ही हमास ने तीन बंधकों को रिहा किया था. इनमें अलेक्जेंडर ट्रौफानोव, येर हॉर्न और सागुई डेकेल-चेन का नाम शामिल है. इनकी रिहाई से पहले, युद्धविराम समझौते के बारे में दोनों पक्षों के बीच मतभेद उभरकर सामने आए थे.

हमास और इसराइल के बीच युद्धविराम समझौते पर विवाद

हाल ही में, हमास ने इजरायल पर युद्धविराम समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि इजरायल बंधकों की रिहाई को रोक रहा है. इसके जवाब में, इजरायल ने कहा कि यह युद्धविराम समझौते का पूरी तरह उल्लंघन है.

हमास ने रिहा किए 3 और इजराली बंधक

हालांकि, इससे पहले शनिवार (15 फरवरी) को जिन तीन बंधकों को रिहा किया जा रहा है उनमें रूसी-इसराइली अलेक्जेंडर ट्रौफानोव, अर्जेंटीनी-इसराइली येर हॉर्न और अमेरिकी-इसराइली सागुई डेकेल-चेन शामिल हैं. रिहाई से पहले तीनों को हमास ने खान यूनिस में उस मंच पर खड़ा किया, जहाँ दस्तावेज़ों पर साइन किए गए.

इन बंधकों के हाथों में वहां मौजूद लोगों से बात करने के लिए माइक्रोफ़ोन दिए गए और फिर इन बंधकों को रेड क्रॉस को सौंप दिया गया.