इजरायल-हमास में युद्धविराम खत्म, गाजा में फिर गरजी बंदूकें; IDF की जवाबी कार्रवाई जारी
युद्धविराम की समय सीमा खत्म होने से पहले किसी भी पक्ष ने इसे आगे बढ़ाने की घोषणा नहीं की. इजरायली सेना ने गाजा में अपनी जमीनी कार्रवाई को फिर से वहीं से शुरू किया है, जहां उसने युद्धविराम होने के ठीक पहले जवाबी कार्रवाई रोकी थी.
Israel Hamas ceasefire expires Fighting resumes in Gaza: इजरायल-हमास में युद्धविराम की समय सीमा के खत्म होते ही शुक्रवार को एक बार फिर गाजा में बंदूकें गरजनी शुरू हो गईं हैं. कहा जा रहा है कि युद्धविराम की समय सीमा खत्म होने से पहले किसी भी पक्ष ने इसे आगे बढ़ाने की घोषणा नहीं की. इजरायली सेना ने गाजा में अपनी जमीनी कार्रवाई को फिर से वहीं से शुरू किया है, जहां उसने युद्धविराम होने के ठीक पहले जवाबी कार्रवाई रोकी थी.
हालांकि, युद्धविराम खत्म होने से कुछ घंटे पहले इजरायल ने कहा कि उसने गाजा से दागे गए एक रॉकेट को मार गिराया है. वहीं, हमास से जुड़ी मीडिया के मुताबिक, शुक्रवार को युद्धविराम की समय सीमा समाप्ति के बाद गाजा के उत्तरी हिस्सों में विस्फोटों और गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं.
24 नवंबर को शुरू हुआ था 7 दिवसीय युद्धविराम
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की घोषणा 24 नवंबर को शुरू की गई थी. 24 नवंबर को शुरू हुआ युद्धविराम 7 दिनों तक यानी 30 नवंबर तक चला. शुरू में युद्धविराम सिर्फ चार दिनों का ही था, लेकिन बीच में इस दो बार बढ़ाया भी गया था. युद्धविराम के दौरान हमास की ओर से 105 बंधकों, जबकि इजरायल की ओर से 240 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की गई. युद्धविराम के दौरान गाजा में प्रभावितों तक मानवीय सहायता भी पहुंचाई गई.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कतर और मिस्र गुरुवार को आठ बंधकों और 30 फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली के बाद संघर्ष विराम को बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे. इससे पहले गुरुवार को इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सलाहकार मार्क रेगेव ने सीएनएन से बात करते हुए कहा था कि हम सभी संभावनाओं के लिए तैयार हैं, लेकिन ये आगे नहीं बढ़ता है, तो हम वापस युद्ध में जाएंगे.
दोनों पक्षों के 16 हजार से अधिक लोगों की मौत
7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की थी. हमास के हमले में अब तक 1200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इजरायल की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में अब तक 15000 से अधिक लोग मारे गए हैं.