Israel Gaza War: हमास के सैंकड़ों आतंकियों के सरेंडर की वीडियो आया सामने, IDF के सामने हथियारबंद लड़ाकों ने घुटने टेके
गाजा में आज सुबह हुए आत्मसमर्पण की घटना क्षेत्र की जटिल स्थिति को और गहरा करती है. इस स्थिति से न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से, बल्कि मानवाधिकार और नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से भी कई सवाल उठते हैं.आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम के और भी नतीजे सामने आ सकते हैं.
Israel Gaza War: गाजा में आज सुबह शुक्रवार (27 दिसंबर) को एक बड़ी घटना घटित हुई है, जब कई लोगों ने आत्मसमर्पण किया. यह घटना सुरक्षा और सैन्य स्थिति को लेकर गाजा क्षेत्र में जारी तनाव का हिस्सा बताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण एक विशेष ऑपरेशन के दौरान हुआ, जिसमें स्थानीय नागरिकों और उग्रवादियों दोनों की बड़ी संख्या शामिल हो सकती है.
गाजा के इलाके में हाल के दिनों में संघर्ष में तीव्रता आई है. यह सरेंडर इस बात का संकेत हो सकता है कि वहां की स्थिति लगातार बिगड़ रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, आज सुबह कई उग्रवादी संगठनों के सदस्य और आम नागरिक एक ही समय पर आत्मसमर्पण करने के लिए सामने आए, जो कुछ हद तक चौंकाने वाली घटना है. इसके कारण गाजा में मौजूद सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाने पड़े.
इलाके में हिंसा का खतरा अभी भी बना हुआ
इस दौरान स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह आत्मसमर्पण नागरिकों के लिए एक राहत की उम्मीद हो सकती है, जबकि उग्रवादी संगठनों के खिलाफ सुरक्षा बलों के कदम को एक बड़ी जीत माना जा सकता है. हालांकि, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि यह आत्मसमर्पण केवल अस्थायी शांति का संकेत हो सकता है, क्योंकि क्षेत्र में हिंसा का खतरा अभी भी बना हुआ है.
गाजा में इस तरह के बड़े आत्मसमर्पण के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी गाजा पर टिकी हुई हैं. वैश्विक स्तर पर इस घटना की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है, और कई देशों ने इस संघर्ष की रोकथाम के लिए शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है.
फिलिस्तीनियों से कपड़े उतरवाकर कराया था IDF ने सरेंडर
बता दें कि, पिछले साल 2013 में गाजा में सरेंडर करते फिलिस्तीनियों का एक वीडियो लीक हुआ था. इसमें किसी के तन पर कपड़े नहीं हैं, लोग सिर्फ अंडरवियर में खड़े दिखाई दे रहे थे. वहीं, निर्वस्त्र कर फिलिस्तीनियों से सरेंडर कराने का सोशल मीडिया पर विरोध हो रहा है. लोगों ने इसकी तुलना ISIS और हिटलर से की थी.