इजरायल ने यमन के साना एयरपोर्ट पर हौथी विद्रोहियों के नियंत्रण वाले कंट्रोल टावर को ड्रोन से उड़ा दिया. इस हमले के दौरान इजरायल की वायुसेना ने हौथी समर्थित "सैन्य संरचनाओं" को लक्षित किया, जिनमें साना एयरपोर्ट, हेज़याज़ और रास कनातिब पावर स्टेशन शामिल थे, साथ ही साथ लाल सागर के प्रमुख बंदरगाहों, हुडायदाह, सलीफ और रास कनातिब की भी बमबारी की गई. इन बंदरगाहों का उपयोग मुख्य रूप से इरान से हथियारों की तस्करी के लिए किया जा रहा था.
तीन लोगों की मौत
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— Open Source Intel (@Osint613) December 28, 2024
Footage captures the exact moment the Houthi Sanaa control tower was hit by Israeli jets pic.twitter.com/kzqHepNuRV
WHO प्रमुख के दौरे के दौरान हमला
यह हमला उस समय हुआ जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस एडहानोम घेब्रेयसस एक संयुक्त राष्ट्र मानवीय हवाई सेवा (UNHAS) विमान में चढ़ने वाले थे. इस हमले में UNHAS के एक चालक दल के सदस्य को गंभीर चोटें आईं, और उसे इलाज के लिए जॉर्डन भेजा गया. डॉ. टेड्रोस ने सोशल मीडिया पर घटना की जानकारी देते हुए लिखा, "मानवीय कार्यकर्ताओं पर हमले बंद होने चाहिए, हर जगह."
WHO के प्रमुख के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल यमन में मानवीय स्थिति का आकलन करने के लिए पहुंचा था, क्योंकि यमन दुनिया के सबसे बड़े कोलेरा प्रकोप का सामना कर रहा है, और यहां की 80% जनसंख्या को किसी न किसी रूप में सहायता की आवश्यकता है. इसके अलावा, डॉ. टेड्रोस को हौथी विद्रोहियों द्वारा गिरफ्तार किए गए 16 UN कर्मियों की रिहाई के लिए बातचीत करने का भी कार्य सौंपा गया था.
हौथी का इजरायल के खिलाफ रुख
हमले के बाद, हौथी अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखेंगे. हौथी के राजनीतिक अधिकारी मोहम्मद अल-बुखैती ने BBC से बात करते हुए कहा कि उनका समूह "गाजा में जनसंहार" को रोकने के लिए इजरायल के खिलाफ अपने हमले तेज करेगा.
इजरायल के बयान और UN की स्थिति
इजरायल की वायुसेना ने एपी समाचार एजेंसी को बताया कि उन्हें इस बात का पता नहीं था कि WHO का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल साना एयरपोर्ट पर था, जब हमला हुआ. WHO के प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि उनकी टीम इस घटना की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से संपर्क कर रही है.
मानवाधिकारों और हौथी-इजरायल संघर्ष की जटिलता
साना एयरपोर्ट पर हुए इस हमले ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने यमन में जारी संघर्ष की जटिलताओं को और स्पष्ट कर दिया है. इजरायल का यह कदम यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा फिलिस्तीनियों के समर्थन में की जा रही कार्रवाई के खिलाफ प्रतिशोध की एक नई बारीकी को दिखाता है. इस संघर्ष ने न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक मानवाधिकारों और संघर्षों के मुद्दे को भी फिर से उजागर किया है.
इस हमले के बाद से, हौथी विद्रोही और इजरायल के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और दोनों पक्ष अपने-अपने संघर्षों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो सकते हैं. वैश्विक स्तर पर मानवीय सहायता प्रदान करने वाली एजेंसियों को इन संघर्षों के बीच अपने कार्यों को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है, ताकि वे प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचा सकें.