Israel already aware of Hamas attack: इजरायल को हमास के हमले वाले प्लान की पहले से जानकारी थी, लेकिन इसे काल्पनिक बताकर खारिज कर दिया गया था. इजरायल-हमास के बीच जंग को करीब दो महीने होने को है और इस बीच एक रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायली अधिकारियों को कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसमें कहा गया था कि हमास इजरायल पर हमले का प्लान बना रहा है. लेकिन इजरायली अधिकारियों ने इसे ये कहकर खारिज कर दिया था कि ऐसा करने की हिम्मत हमास में नहीं है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, 'जेरिको वॉल' नाम के 40 पेज के दस्तावेज की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान पता चला कि दस्तावेज में किसी विशेष तारीख का उल्लेख नहीं किया गया था कि हमास कब हमला करेगा. हालांकि, लगभग एक साल बाद (7 अक्टूबर, 2023 को) हमास ने हमले को बिल्कुल वैसा ही अंजाम दिया जैसा दस्तावेज में बताया गया था.
दस्तावेज में कहा गया था कि हमास के आतंकवादी इजराइल पर हमला करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे और रॉकेट की बौछार करेंगे. दस्तावेज में ये भी कहा गया कि आतंकवादी समूह गाजा-इजरायल की सीमा पर ऑटोमैटिक मशीनगनों का भी यूज करेगा. बंदूकधारी आतंकी बाइक्स के जरिए और पैदल भी इजरायल में एंट्री करेंगे. दस्तावेज में कही गई इन बातों के मुताबिक ही 7 अक्टूबर को सबकुछ हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा.
रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू या अन्य शीर्ष अधिकारियों ने दस्तावेज को कब देखा, लेकिन नेतन्याहू के देश के विशेषज्ञों ने निर्धारित किया कि ऐसा हमला, जैसा कि दस्तावेज़ में दिखाया गया है, हमास की क्षमताओं से परे था.
हमास के हमले से तीन महीने पहले यानी जुलाई में इजरायल की सिग्नल इंटेलिजेंस एजेंसी के एक अनुभवी विश्लेषक ने भी इस संबंध में चेतावनी दी थी. चेतावनी में कहा गया था कि हमास ने एक ट्रेनिंग एक्सरसाइज की है. इस चेतावनी को भी इजरायल की ओर से खारिज कर दिया गया. बता दें कि हमास के हमले के करीब एक महीने बाद इजरायल के घरेलू सुरक्षा सेवा चीफ ने खुफिया विफलताओं की ज़िम्मेदारी ली थी. रोनेन बार ने कहा कि अफसोस की बात है कि हम पर्याप्त चेतावनी देने में विफल रहे. संगठन का चीफ होने के नाते मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं.
इजराइल की मोसाद और शिन बेट जैसी सुरक्षा एजेंसियां अपनी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की क्षमताओं के लिए जानी जाती हैं, लेकिन हमास के हमले ने दोनों सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया कि कोई आतंकवादी संगठन इजरायल पर इस तरह का हमला कर सकता है. बता दें कि हमास आतंकियों के सिलसिलेवार हमलों में इजरायल में अब तक 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. वहीं, इजरायल की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में 13 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास ने करीब 240 लोगों को बंधक भी बना रखा था, जिनमें से कुछ लोगों को युद्धविराम के दौरान रिहा किया गया है. इसके बदले में इजरायल की ओर से फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा गया है.