menu-icon
India Daily

अमेरिकी डिफेंस रिपोर्ट में बड़ा दावा, पहाडों के नीचे परमाणु हथियार बना रहा ईरान, 14 दिन के भीतर न्यूक्लियर वेपन्स बनाने की हासिल की शक्ति!

Iran Nuclear Weapons: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम के शुद्ध स्तर के बेहद नजदीक पहुंच गया है. वह महज दो हफ्तों के भीतर ही न्यूक्लियर वेपन्स बना सकता है.

auth-image
Edited By: Shubhank Agnihotri
अमेरिकी डिफेंस रिपोर्ट में बड़ा दावा, पहाडों के नीचे परमाणु हथियार बना रहा ईरान, 14 दिन के भीतर न्यूक्लियर वेपन्स बनाने की हासिल की शक्ति!

Iran Nuclear Weapons: अमेरिका ने दावा किया है कि ईरान महज 14 दिनों के भीतर यानी 2 सप्ताह के अंदर परमाणु हथियार बना सकता है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट स्ट्रेटिजी फॉर काउंटरिंग वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन रिपोर्ट 2023 में कहा कि ईरान के पास मौजूदा समय में परमाणु हथियार बनाए जाने के लिए आवश्यक बुनियादी और तकनीकी जानकारी मौजूद है. इस रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि वह बेहद ही कम समय में न्यूक्लियर हथियार बनाने वाली सामग्री का भी निर्माण कर सकता है.  रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान का यूरेनियन प्रोडक्शन परमाणु हथियार बनाने के लेवल तक पहुंचता जा रहा है.

 

प्योर यूरेनियम बनाने के बेहद करीब


रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने यूरेनियम को 60 फीसदी तक एनरिच कर लिया है. मध्य-पूर्व का यह देश न्यूक वेपन्स के लिए अब 83.7 फीसदी शुद्ध यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है. परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 परसेंट शुद्ध यूरेनियम के पार्टिकलेस की जरूरत होती है.  इसके अलावा मई 2023 में खुलासा हुआ था कि ईरान पहाड़ों के नीचे परमाणु हथियार बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है.


पहाड़ों में खोद रहे टनल

समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के कर्मचारी जागरोस के पहाड़ों में टनल खोदते दिखाई पड़ रहे हैं.यह जगह ईरान की न्यूक साइट नातांज के बेहद निकट है, यह लगातार पश्चिमी देशों के हमलों का शिकार होती रही है. पश्चिम के देश नहीं चाहते मध्य-पूर्व का यह देश परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बने.

 

पश्चिमी देशों की घेराबंदी

ईरान बीते 2 दशक से ज्यादा समय से परमाणु शक्ति बनने की कोशिश कर रहा है. 2015 में ईरान की अमेरिका, चीन, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस के साथ मिलकर एक डील हुई थी. इस समझौते का मतलब था कि ईरान परमाणु हथियार न बना सके.पश्चिम के देशों को भय था कि ईरान न्यूक वेपन्स बना सकता है या ऐसा देश बन सकता है जिसके पास परमाणु हथियार भले ही न हों लेकिन उन्हें बनाने की सारी क्षमताएं उसके पास हों और वह उनका कभी भी इस्तेमाल न कर पाए.


2010 में लगा दिए थे कड़े प्रतिबंध


ईरान को रोकने के लिए 2010 में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पाबंदियां लगाई थीं.  इन पाबंदियों में ज्यादातर अब भी जारी हैं. 2015 में ईरान ने इन देशों के साथ समझौता किया तो उसे पाबंदियों से थोड़ी राहत मिली.  जनवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह एग्रीमेंट रद्द कर दिया और ईरान पर कड़े प्रतिबंद लाद दिए.

 

 

 

यह भी पढ़ेंः पाक के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की इस तारीख को होगी वतन वापसी, बुक कराया गया टिकट