अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा कुछ ऐसा जिससे ट्रंप का भड़कना तय

यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच जारी तनावपूर्ण संबंधों को और बढ़ा सकता है. अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध और ईरान द्वारा उनके उल्लंघन ने दो पक्षों के बीच एक अनसुलझा विवाद उत्पन्न किया है. इसके बावजूद, ईरान ने भविष्य में अमेरिका के साथ किसी भी संभावित समझौते पर बातचीत करने का संकेत दिया है, बशर्ते यह उसके लिए फायदेमंद हो.

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ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार (7 फरवरी) को बयान दिया कि अमेरिका के साथ बातचीत करना "बेवकूफाना, समझदारी से दूर और बेइज्जत करने वाला" साबित हुआ है. अयातुल्ला अली खामेनेई ने यह भी सुझाव दिया कि "ऐसी सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए", लेकिन उन्होंने वाशिंगटन के साथ बातचीत न करने का सीधा आदेश जारी करने से परहेज किया. उनका यह बयान उस समय आया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि वह तेहरान के साथ एक प्रमाणित परमाणु शांति समझौता करना चाहते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई की टिप्पणी तेहरान द्वारा अमेरिका को महीनों से दिए जा रहे उन संकेतों को उलट देती है, जिनमें कहा गया था कि वह अरबों डॉलर के भारी आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत करना चाहता है. खामेनेई ने कहा कि ट्रंप ने पूर्ववर्ती परमाणु समझौते से एकतरफा रूप से हाथ खींच लिया, जिसके तहत ईरान ने अपने यूरेनियम संवर्धन और सामग्री के समग्र भंडार को काफी हद तक सीमित कर दिया था. इसके् बदले में उस पर लगे कठोर प्रतिबंध हटा लिए गए थे.

जानिए ईरान के प्रमुख आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने क्या कहा?

खामेनेई ने कहा, "अमेरिकियों ने समझौते के अपने वादे को पूरा नहीं किया.आज जो व्यक्ति सत्ता में है, उसने ही समझौते को तोड़ दिया. उसने कहा था कि वह ऐसा करेगा, और उसने ऐसा किया. उन्होंने आगे कहा "यह एक ऐसा अनुभव है जिससे हमें सीखना चाहिए. हमने बातचीत की, हमने रियायतें दीं, हमने समझौता किया - लेकिन हम वह परिणाम हासिल नहीं कर पाए जिसकी हमने उम्मीद की थी. और अपनी तमाम खामियों के बावजूद, दूसरे पक्ष ने अंततः समझौते का उल्लंघन किया और उसे नष्ट कर दिया.

ईरान का अमेरिका के साथ विवादों को सुलझाने का प्रस्ताव

एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बुधवार को रॉयटर्स से बातचीत में बताया कि ईरान संयुक्त राज्य अमेरिका को यह मौका देने के लिए तैयार है कि वह दोनों देशों के बीच विवादों को सुलझाने का रास्ता निकाले. हालांकि, इस बयान के बावजूद ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के साथ बातचीत को लेकर संकोच जताया है.

तेहरान का रुख और भविष्य की दिशा

ईरान का यह स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका के साथ वार्ता करने से पहले वह अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की पूरी तरह से सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है. ईरान की स्थिति यह है कि वह किसी भी ऐसे समझौते को नहीं अपनाएगा जो उसकी राष्ट्रीय अस्मिता और स्वतंत्रता को कमजोर करे.