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अमेरिका के इस कदम से बौखला गया ईरान, दे डाली खुली धमकी; मिडिल ईस्ट में तबाही तय!

Iran Israel War: आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इजरायल, ईरान के मिसाइल हमले का जवाब देता है या क्या अमेरिका और ईरान के बीच तनाव और गहराता है. जो भी हो, मिडिल ईस्ट में शांति और स्थिरता की राह इस समय कठिन दिख रही है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Iran America Conflict
Courtesy: IDL

Iran Israel War: हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए नए प्रतिबंधों से दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. अमेरिका ने 1 अक्टूबर को ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद ईरान की तेल और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री पर नए प्रतिबंध लगाए. इस कदम ने न सिर्फ ईरान को आक्रोशित किया बल्कि मिडिल ईस्ट में और ज्यादा अशांति की संभावना बढ़ा दी है.

ईरान ने दी अमेरिका को कड़ी चेतावनी

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, इस्माइल बाघाई, ने रविवार को अमेरिका के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे "गैरकानूनी और अनुचित" करार दिया. बाघाई ने कहा कि ईरान का इजरायल पर हमला उचित था और अमेरिका द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंध "अन्यायपूर्ण" हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ईरान पर इन प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होगा और उनका देश अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए किसी भी हमले का जवाब देने में सक्षम है.

बाघाई ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका का यह कदम इजरायल को मासूम लोगों की हत्या जारी रखने और क्षेत्र में शांति भंग करने का मौका दे रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान अपने क्षेत्रीय अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी विदेशी हमले का पुरजोर विरोध करेगा.

अमेरिका का प्रतिबंध और प्रभाव

अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने ईरान के तेल व्यापार को रोकने के लिए ईरान की 'शैडो फ्लीट' को निशाना बनाया, जो प्रतिबंधों को दरकिनार कर ईरान के तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार करती है. इस नई घोषणा के तहत 10 कंपनियों और 17 जहाजों को "ब्लॉक्ड प्रॉपर्टी" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. इसके अलावा, अमेरिकी राज्य विभाग ने 6 कंपनियों और 6 जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं, जो ईरानी तेल के व्यापार में लिप्त हैं.

यह प्रतिबंध ईरान की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकते हैं, क्योंकि ईरान अपनी तेल बिक्री से बड़ा राजस्व प्राप्त करता है. इसके बावजूद, ईरान का कहना है कि अमेरिका की "अधिकतम दबाव की नीति" असफल हो चुकी है और वह अपने संप्रभुता की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा.

क्षेत्रीय तनाव और बढ़ते तेल के दाम

ईरान और अमेरिका के बीच इस नए विवाद ने मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा दिया है. इजरायल ने अभी तक ईरान के मिसाइल हमले का प्रत्यक्ष रूप से जवाब नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले समय में इसका जवाब जरूर दिया जाएगा. इसी बीच, वैश्विक तेल बाजार में भी उथल-पुथल मची हुई है, और तेल की कीमतें अगस्त के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं.

यह भी चर्चा हो रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल को ईरान के तेल बुनियादी ढांचे पर हमला करने से मना किया था, ताकि वैश्विक तेल आपूर्ति में कोई संकट न उत्पन्न हो. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान के बुनियादी ढांचे पर कोई हमला होता है, तो इसका जवाब और भी तीव्र होगा.

मिडिल ईस्ट में अशांति का खतरा

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ता तनाव मिडिल ईस्ट में और अधिक तबाही का संकेत दे रहा है. ईरान ने खुलेआम धमकी दी है कि किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई या हमले का जवाब कड़ा और सख्त होगा. यह स्पष्ट है कि मिडिल ईस्ट की स्थिरता इस तनाव के कारण गंभीर खतरे में है.

अमेरिका और ईरान के इस विवाद का असर न सिर्फ इन दोनों देशों तक सीमित रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा. जहां ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों से वैश्विक तेल आपूर्ति पर दबाव बढ़ेगा, वहीं मिडिल ईस्ट में युद्ध की आशंका से विश्व शांति भी खतरे में आ सकती है.