ईरान में राष्ट्रपति चुनाव तो हुए लेकिन बहुमत से सब दूर रहे, जानें अब कैसे चुना जाएगा इस्लामिक देश का प्रेसिडेंट
Iran President Election: ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में बेहद कम मतदान हुआ है. ईरान में चुनाव देखरेख वाली संस्था के प्रवक्ता मोहसिन इस्लामी ने कहा है कि चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है. इसलिए यह चुनाव दूसरे चरण में पहुंच गया है. अब 5 जुलाई को ईरान के राष्ट्रपति का फैसला होगा. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद ईरान में यह चुनाव हो रहे हैं.
Iran President Election: ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए हुए मतदान में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए पर्याप्त वोट प्राप्त नहीं हुए हैं. इसलिए यह चुनाव दूसरे चरण में पहुंच गया है. चुनाव में सुधारवादी मसूद पेजेकेशियन और कट्टरपंथी माने जाने वाले सईद जलीली टॉप परफॉर्मर बनकर उभरे हैं. हालांकि दोनों को ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया है. चुनाव में कम मतदान का भी नया रिकॉर्ड बना है. राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे चरण का मतदान अब 5 जुलाई को होगा. ईरानी कानून के मुताबिक, 50 फीसदी से अधिक मतदान हासिल करने के बाद ही किसी उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जा सकता है. चुनाव देखने वाली संस्था के प्रवक्ता मोहसिन इस्लामी ने कहा कि पेजेकेशियन और जलीली के बीच अब सीधा 5 जुलाई को मुकाबला होगा.
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हत्या के बाद तेहरान को नए राष्ट्रपति का चुनाव करना पड़ रहा है. 28 जून को हुए मतदान में कुल 61 मिलियन मतदाताओं में से केवल 40 फीसदी ने ही मतदान किया था. साल 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में यह सबसे कम मतदान रिकॉर्ड किया गया था. मोहसिन इस्लामी का कहना है कि किसी भी प्रत्याशी को 50 फीसदी से ज्यादा मत नहीं मिले, ऐसे में अब शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच फिर से शुक्रवार को चुनाव कराया जाएगा.
चुनाव में किसे मिला कितना वोट?
28 जून को हुए मतदान की गणना के बाद पता चला कि सुधारवादी नेता पेजेकेशियन को 10.41 मिलियन वोट हासिल हुए. वहीं ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खुमैनी के समर्थक प्रत्याशी सईद जलाली को 9.47 मिलियन वोट हासिल हुए. इस चुनाव में कई अन्य उम्मीदवार भी उतरे थे. ईरान में प्रमुख सुधारवादी नेता के रूप में जाने जाने वाले मोहम्मद बाघेर गालिबफ को 3.38 मिलियन और कट्टरपंथी माने जाने वाले नेता मुस्तफा पूरमोहम्मदी राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर हो गए.
क्यों कम हुआ मतदान?
ईरान की गार्जियन काउंसिल को चुनाव में भारी मतदान की उम्मीद थी. हालांकि तमाम तरह की कठिनाई, सामाजिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के कारण बेहद कम लोग अपने घरों से वोटिंग के लिए निकले. शनिवार को आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि ईरान में मात्र 40 प्रतिशत ही मतदान हुआ. यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं जब इजरायल और गाजा में ईरान के सहयोगियों के मध्य युद्ध चल रहा है.