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India Daily

'हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन विदेशियों के आगे...', ईरान ने अमेरिका को दी खुली धमकी

ईरान में शाह के खिलाफ हुई क्रांति की वर्षगांठ पर हुई इन घटनाओं ने एक बार फिर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को उजागर किया है. ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शनों ने यह साबित कर दिया कि ईरान के लोग अमेरिकी नीतियों और उनकी रणनीतियों के खिलाफ खड़े हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
Courtesy: Social Media

ईरान के राष्ट्रपति ने सोमवार (10 फरवरी) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह ईरान को "घुटने टेकने" पर मजबूर करना चाहते हैं, क्योंकि देश 1979 की क्रांति की 46वीं वर्षगांठ मना रहा था, जिसने शाह मोहम्मद रजा पहलवी को सत्ता से हटा दिया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह क्रांति ईरान में एक यूएस समर्थक सरकार के खिलाफ थी और इसके बाद अमेरिकी राजनयिकों को तेहरान में बंधक बनाए जाने से अमेरिका और ईरान के बीच शत्रुता का सिलसिला शुरू हुआ था.

ईरान की क्रांति का इतिहास और ट्रंप का 'मैक्सिमम प्रेशर' रणनीति

इस साल की वर्षगांठ पर ईरान में जश्न का माहौल था, जो कि ट्रंप के व्हाइट हाउस में वापसी के बाद और भी अहम हो गया है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में, उन्होंने ईरान के खिलाफ "मैक्सिमम प्रेशर" नीति अपनाई थी. इस नीति के तहत, ट्रंप ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे, जिनसे ईरान की स्थिति और भी कठिन हो गई थी.

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा, "ट्रंप कहते हैं, 'हम बात करना चाहते हैं', और फिर वह हमारे खिलाफ साजिशों के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर देते हैं.उन्होंने 4 फरवरी को ट्रंप द्वारा तेहरान के खिलाफ फिर से प्रतिबंधों को लागू करने के संदर्भ में ये टिप्पणी की.

ईरान में विरोध और विरोधी नारों का गूंज

ईरान के कई शहरों में लोग सोमवार को सड़कों पर उतरे और अमेरिका और इजराइल के खिलाफ नारे लगाए. इन प्रदर्शनों में लोग सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली ख़ामेनेई की तस्वीरें और ईरान का ध्वज लहराते हुए दिखाई दिए. शिराज, बंदर अब्बास, रश्त, केर्मनशाह, सानंदाज और माशहद जैसे शहरों में हजारों लोग इस दिन के उत्सव में शामिल हुए.

विरोध में शामिल कई लोग, जिनमें परिवारें और बच्चे भी शामिल थे, ईरान के द्वारा निर्मित मिसाइलों और सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनों में बच्चों ने हवाई रक्षा प्रणाली पर चढ़कर ईरान के ध्वज के साथ तस्वीरें ली.

लोगों का संदेश

एक शिक्षक, परवाने समाखानी ने कहा, "अमेरिका से बातचीत बेकार है क्योंकि वे झूठ बोलते हैं." ट्रंप द्वारा 2015 के परमाणु समझौते से बाहर निकलने और नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद यह बयान महत्वपूर्ण हो गया था. ईरान के लोग अब भी ट्रंप के प्रति अपने विश्वास की कमी को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ट्रंप ने ईरान को संधि में जो वादे किए थे, उन्हें तोड़ दिया.

ईरान के राष्ट्रपति का संदेश: "हम एकजुट हैं 

ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ईरान को कमजोर करने के लिए "विभाजन" पैदा करना चाहता है. उन्होंने कहा, "अगर हम हाथ मिला लें, तो हम देश की सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं."