IRAN ANTI-AIRCRAFT MISSILE 358: ईरान ने पहली बार अपना नया एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम 358 पेश किया है. यह एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो लॉन्च होने के तुरंत बाद लक्ष्य का पता लगाकर उसे नष्ट कर देती है. यह मिसाइल प्रणाली ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एयरोस्पेस बलों द्वारा एक बड़े सैन्य अभ्यास के दौरान तैनात की गई थी.
IRGC ने सिस्टम की विस्तृत तकनीकी विशेषताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह ड्रोन से मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए जाना जाता है. अभ्यास के दौरान इस्तेमाल की गई रक्षा रणनीति में बिंदु-रक्षा युद्धाभ्यास शामिल थे, जिसमें 30 हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक रोका और बेअसर किया गया.
इस अभ्यास का पहला चरण ईरान के नटांज परमाणु केंद्र की रक्षा पर केंद्रित था. इस दौरान 358 मिसाइल सिस्टम का पहली बार उपयोग किया गया. IRGC ने इस सिस्टम की तकनीकी जानकारी का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह बताया कि यह मिसाइल ड्रोन से लॉन्च की जाती है. अभ्यास के दौरान, 30 हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया.
🇮🇷💥IRAN PRESENTS ANTI-AIRCRAFT MISSILE 358 FOR FIRST TIME
— Sputnik (@SputnikInt) January 8, 2025
The 358 is a surface-to-air anti-aircraft missile that is capable of detecting a target immediately after launch, subsequently defeating it. pic.twitter.com/Ztax64ioi1
जनरल अली मोहम्मद नाइनी, IRGC के प्रवक्ता, ने इस सैन्य अभ्यास को बहुत महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने यह भी कहा कि IRGC एयरोस्पेस बल जल्द ही भूमिगत सुविधाओं का खुलासा करेगा, जो उन्नत मिसाइलों और ड्रोन को रखने के लिए बनाई जाएंगी. इन नई सुविधाओं का उद्देश्य ईरान की सैन्य ताकत को बढ़ाना और उसके हथियारों को सुरक्षित रखना है.
इसके अलावा, ईरान ने 18 से 23 जनवरी तक फारस की खाड़ी में एक बड़े नौसैनिक अभ्यास की योजना बनाई है, जिसमें लगभग 300 युद्धपोत शामिल होंगे. 11 जनवरी को होर्मुज जलडमरूमध्य में स्मार्ट ट्रैफिक नियंत्रण पर भी एक अभ्यास होगा. 27 जनवरी को एक बड़ा नौसैनिक परेड आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 2,000 सैन्य और नागरिक जहाज भाग लेंगे.
जनरल नाइनी ने यह भी बताया कि 10 जनवरी को तेहरान में 110,000 बसीज सैनिकों का एक बड़ा सैन्य अभ्यास होगा.