Iran Pakistan Relation: पाकिस्तान और ईरान ने मिसाइली जंग के बाद बातचीत की टेबल पर लौटने की कवायद शुरू की है. दोनों देशों ने आपसी सहमति से कहा है कि तेहरान और इस्लामाबाद के राजदूत इस माह के अंत तक अपने-अपने पदों पर लौट जाएंगे. यह जानकारी दोनों देशों के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई है.
पाक विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया है कि विदेस मंत्री जलील अब्बास जिलानी के आमंत्रण पर ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन 29 जनवरी को पाक का दौरा करेंगे. ईरान में पाक के राजदूत मुदस्सिर टीपू ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि दोनों देशों ने चुनौतीपूर्ण हालात को बेहद समझदारी से संभाला और संबंधों को पटरी पर लाया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में काफी समानताएं हैं और सामूहिक रूप से दोनों देश शांति और विकास को बढ़ावा देने में अहम योगदान दे सकते हैं.
ईरानी वायुसेना ने 16 जनवरी को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में घुसकर कुछ जैश अल अदल के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन के जरिए हमला किया था. इस पर नाराजगी जताते हुए पाकिस्तान ने तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था साथ ही ईरान के राजदूत को भी निष्काषित कर दिया था. एयरस्ट्राइक पर जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भी ईरान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर हमले किए थे. इन हमलों में दो बच्चों की मौत हो गई और तीन लड़कियां गंभीर रूप से घायल हो गई थीं.
ईरानी सेना ने एयरस्ट्राइक में जहां पाकिस्तान की जमीन पर जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाने की बात कही थी. वहीं, पाक सेना ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ( BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) के ठिकानों पर हमला करने की बात कही थी. दोनों ही देशों ने एक-दूसरे की कार्रवाई को अपनी संप्रभुता पर हमला करार दिया था.