नई दिल्ली: इजरायल की सेना गाजा पर कब्जा करने की कोशिश में है. खाड़ी के ज्यादातर देश फिलिस्तीन के सपोर्ट में हैं. ईरान इजरायल का खुलकर विरोध कर रहा है. ईरान और सीरिया जैसे देश हमास के साथ पूरी तरह से खुलकर खड़े नजर आ रहे हैं. ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर ने धमकी देते हुए कहा कि अगर इजरायल की सेना गाजा के अंदर घुसती है तो इस बात की पूरी संभावना है कि दूसरे मोर्चे भी खुल जाएंगे. वहीं अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है.
इस बीच अमेरिका ने खाड़ी देशों में दो महाविनाशक परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात किए हैं और जो बाइडन ने ईरान को खुली चेतावनी दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि हमास के बाद अमेरिका और इजरायल के निशाने पर ईरान आ सकता है. खाड़ी के देशों के जानकारों का कहना है कि ईरान ये मान चुका है कि अमेरिका कभी भी देश पर हमला कर सकता है. इस बीच नेतन्याहू ने तो यहां तक कहा है कि अगर अमेरिका नहीं मदद करेगा तो इजरायल अकेले ही ईरान के परमाणु ठिकाने को तबाह कर देगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान अमेरिका के साथ युद्ध को सीरिया, लेबनान जैसे खाड़ी के अन्य देशों में भड़का सकता है. जिसेसे दुनिया भर में तेल की सप्लाई पर असर पड़ेगा. दुनिया भर की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.
बता दें कि 7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग का आज 10वां दिन है. अब तक इजराइल के हमलों से गाजा में 2,450 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. वहीं, हमास के हमले में करीब 1,400 इजराइली मारे गए. इजराइली एयरफोर्स ने ग्राउंड फोर्सेज को गाजा पट्टी पर बड़े हमले से पहले इलाके का हवाई दौरा कराया है. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा पट्टी पर हमले के लिए उन कमांडर्स को चुना गया है, जो पहले भी गाजा में तैनात रह चुके हैं.