Death Penalty: भारत में मृत्युदंड सबसे अंतिम सजा होती है. इस देश में ये सजा उन अपराधियों को दी जाती है, जिनका अपराध सबसे घिनौना होता है. भारत में अबतक लगभग 800 लोगों को मृत्युदंड दिया गया है. लेकिन इस दुनिया में एक ऐसा भी देश हैं जहां एक साल में सैकड़ों लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है.
किसी भी देश में मृत्युदंड उस देश की नैतिकता पर सवाल उठता है. ऐसे में ईरान ने पिछले साल यानी 2024 में सैकड़ों लोगों को सजा ए मौत दे चुका है. मानवाधिकार समूहों ने दावा किया है कि ईरान ने एक साल में लगभग 975 लोगों को मृत्युदंड की सजा दी है. यह आंकड़ा काफी विशाल है, जिसकी चर्चा दुनिया भर में की जा रही है.
नॉर्वे स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स और फ्रांस के टुगेदर अगेंस्ट द डेथ पेनाल्टी की ओर से कहा गया कि IHR 2008 से डेटा इकठ्ठा कर रही है. तब से लेकर अब तक यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में यह संख्या काफी भयावह रूप से बढ़ा है. साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान में मृत्युदंड का गलत उपयोग किया जा रहा है, इसका उपयोग राजनीतिक उत्पीड़न के लिए किया गया है. ईरान ह्यूमन राइट्स के निदेशक महमूद अमीरी-मोगद्दाम का कहना है कि ईरानी सरकार अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए लोगों के खिलाफ मृत्युदंड का इस्तेमाल कर रही है. इजरायल के साथ चल रहे युद्ध के बीच 2024 के अंतिम तीन महीनों में औसतन हर दिन पांच लोगों को मृत्युदंड की सजा दी गई. हालांकि इससे पहले 2023 में ईरान की सरकार ने 834 लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. जो की 2024 में 975 पहुंच चुका है. यानी की एक साल में लगभग 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
ईरान में मृत्युदंड देने के काफी कठोर नियम है. कुछ लोगों को जेल में और अकेले में मौत की सजा दी जाती है. वहीं कुछ लोगों को बीच चौराहे पर मृत्युदंड दिया जाता है. साल 2024 में 4 लोगों को सार्वजनिक रूप से फांसी की सजा दी गई. वहीं 975 लोगों में 31 महिलाओं को भी सजा दी गई है. IHR ने अपने इस रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान ने मृत्युदंड में तानाशाही करने वाला देश चीन को पीछे छोड़ दिया है. ईरान ऐसा देश है जहां महिलाओं के साथ अपराध करने वाले को सीधे मौत की सजा दी जाती है. इसके साथ ही हत्या और नशीली दवाओं का खरीद-बिक्री करना सख्त अपराध है. इसके अलावा भ्रष्टाचार और विद्रोह करना भी गंभीर अपराध में गिना जाता है.