Iran Supreme leader Khamenei On Israel Hamas War: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को कहा कि मुस्लिम देशों को इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को तोड़ लेना चाहिए. खामेनेई ने इजरायल के साथ संबंध रखने वाले मुस्लिम देशों से अपील की कि वे कम से कम समय के लिए ही सही लेकिन इसमें कटौती जरूर करें. खामेनेई इससे पहले इस्लामिक देशों से इजरायल का बहिष्कार करने और इजरायल को भेजे जाने वाले ईधन की सप्लाई पर रोक लगाने की भी अपील कर चुके हैं.
इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों में जुटे ईरान को तब बड़ा झटका लगा था जब सऊदी अरब की राजधानी में इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग के सदस्य इजरायल पर प्रतिबंध लगाने से सहमत नहीं हुए थे. खामेनेई इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एयरोस्पेस फोर्स द्वारा आयोजित प्रदर्शनी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस प्रदर्शनी में नए हथियारों का प्रदर्शन किया गया. इन हथियारों में ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल फतह 2 भी शामिल थी.
खामेनेई ने इससे पहले कहा था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने हमेशा इस्लाम को दबाया है. वे हमेशा फिलिस्तीन के खिलाफ खड़े रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम देशों को यह समझना होगा कि यह सिर्फ इजरायल के ही बारे में नहीं है. यह उन देशों के बारे में भी है जिन्होंने फिलिस्तीन को दबाया है. खामेनेई ने कहा था कि वह दिन दूर नहीं है जब फिलिस्तीनियों की जीत होगी.
फिलिस्तीन के विद्रोही गुट हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर को भीषण हमला किया था. इस हमले में 1400 लोगों की मौत हो गई. ईरान ने हमास के इस हमले का स्वागत किया था. इजरायल इन हमलों के पीछे ईरान का हाथ बताता रहा है. हमले के बाद इजरायल हमास के ठिकानों पर लगातार बमबारी कर रहा है. इजरायली हमलों में अब तक 11 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है.
इजरायली सर्वोच्च नेता ने दावा किया कि हमास के खिलाफ जंग में इजरायल को हार का सामना करना पड़ा है. यह एक सच्चाई है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में घुसना, लोगों के घरों को तबाह करना जीत नहीं है. जीत का साफ मतलब दूसरे पक्ष को हराना होता है. उन्होंने कहा कि भारी बमबारी के बाद भी इजरायल हमास को नष्ट करने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहा है.
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