Israel-Iran Conflict: फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास को 'मिट्टी में मिला' देंगे वाली कसम के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने एक और कसम खाई है. उन्होंने कहा है कि उनका देश हर हाल में जीत हासिल करेगा. नेतन्याहू ने ये कसम तब खाई, जब इजराइल सेना ने दावा किया कि ईरान की ओर से दागे गए सभी मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया गया है. सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो ईरान के हमलों का इजराइल जरूर करारा जवाब देगा, लेकिन कब और कैसे, ये स्पष्ट नहीं है. इजराइल पीएम के जीत वाले दावों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नेतन्याहू से कहा है कि अगर इजरायल, ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने का फैसला करता है, तो अमेरिका इस फैसले का सपोर्ट नहीं करेगा. वहीं, संयुक्त राष्ट्र से लेकर यूएन समेत विश्व के अन्य देशों ने ईरान के हमलों की निंदा करते हुए हमलों को रोकने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र के चीफ गुटेरस ने ईरानी हमले की निंदा की है और दोनों पक्षों से शांति की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि मिडिल ईस्ट युद्ध की कगार पर है. क्षेत्र के लोग विनाशकारी संघर्ष के बाद होने वाले नुकसान का सामना कर रहे हैं. अब तनाव को कम करने और शांति बरतने का समय है. इसके अलावा, विश्व नेताओं ने शांति का आग्रह किया है. फ्रांस ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि ईरान जोखिम उठा रहा है. वहीं, ब्रिटेन ने हमले को लापरवाही बताया और जर्मनी ने कहा कि ईरान को तुरंत हमले को रोकना चाहिए.
उधर, सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमले के खिलाफ इजरायल किसी न किसी स्तर पर जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा, ये लगभग तय है. लेकिन सवाल ये है कि कैसे और कब? अमेरिका ने इज़राइल से ईरान के खिलाफ किसी भी तरह के एक्शन लेने से बचने की अपील की है.
इज़राइल पर ईरान के हमले पर चर्चा करने के लिए रविवार को एक वर्चुअल मिटिंग में G7 के नेताओं ने संयुक्त घोषणा की और इज़राइल के साथ खड़े रहने की बात कही. नेताओं ने ईरान पर जंग को भड़काने का आरोप लगाया और सलाह भी दी कि ऐसे फैसलों से बचना चाहिए. G7 देशों में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है.
ईरान की ओर से किए गए हमलों के बाद इजराइल संयुक्त राष्ट्र पहुंचा. रविवार को इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ईरान के खिलाफ हर उस प्रतिबंध को लगाने की अपील कि जो लगाए जा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलान एर्दान ने कहा कि UNSC को कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने अन्य देशों से भी ईरान पर प्रतिबंधों को लगाने की अपील की.
इज़राइल ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दिखाया गया है कि कैसे उसने ईरान की ओर से दागी गई सैकड़ों मिसाइलों और ड्रोनों को रोक दिया. इजरायली सेना ने कहा कि ईरान ने इजरायल की ओर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं. लेकिन उनमें से 99 प्रतिशत को इजरायली क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही रोक लिया गया.
This is what a 99% interception rate looks like. Operational footage from the Aerial Defense System protecting the Israeli airspace: pic.twitter.com/eAwcUPUDw2
— Israel Defense Forces (@IDF) April 14, 2024
इजरायली सेना ने कहा कि ईरान की ओर से इजरायल पर लगभग 170 ड्रोन, 30 क्रूज मिसाइलें और 120 बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च की गईं थीं. दरअसल, इज़राइल के पास आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 2011 में पहली बार यूज में आई. इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के दौरान भी गाजा और लेबनान से बार-बार दागे जाने वाले रॉकेटों को इजराइल ने विफल कर दिया है.
The Iron Dome saves thousands of lives. Here’s how: pic.twitter.com/jktB0lpuB2
— Israel Defense Forces (@IDF) August 8, 2022
ईरान के हमलों के बीच भारत को अपने मजदूरों के अगले खेप को इजराइल भेजने के लिए इंतजार करना होगा. भारत ने 2 अप्रैल को 65 नागरिकों का पहला बैच इज़राइल भेजा था. इजराइल से एक समझौते के तहत भारत को इस महीने कुल 1500 श्रमिकों को भेजना है. फिलहाल, इज़राइल में रहने वाले भारतीयों को हाई अलर्ट पर रखते हुए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. इजराइल में करीब 18000 से अधिक भारतीय रह रहे हैं. इनमें छात्र, कोरोबारी, मजदूर और मेडिकल-आईटी एक्सपर्ट्स हैं. भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भारतीय मजदूरों की सुरक्षा की जाएगी. हमारे लिए भारतीय मजदूर अन्य इजराइली नागरिकों की ही तरह हैं. ईरान के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, हम अपने नागरिकों की सुरक्षा भी कर रहे हैं. हम भारतीय मजदूरों को इजरायली आबादी का हिस्सा मानते हैं, इसलिए वे भी इजरायलियों की ही तरह सेफ रहेंगे.