Iran Israel War: हिजबुल्लाह के ड्रोन ने आयरन डोम को कैसे भेदा? इजरायल में मचेगी तबाही

Iran Israel War: हिजबुल्लाह के ड्रोन ने इजरायल के मिलिट्री बेस पर हमला किया. हमले में 4 सैनिकों की मौत हो गई और लगभग 60 घायल बताए जा रहे हैं. बार-बार इजरायल में हो रहे हमलों से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या आयरल डोम अब अभेद नहीं रहा.पहले ईरान फिर लेबनान के कई रॉकेट इजरायल में तबाही मचा चुके हैं. 

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Hemraj Singh Chauhan

हिजबुल्लाह ने रविवार रात इजरायल के हाइफा इलाके में गोलानी मिलिट्री बेस पर हमला किया. इस हमले में 4 सैनिकों की मौत हो गई और लगभग 60 सैनिक घायल हो गए. इजरायली सेना ने कहा कि यह एक ड्रोन अटैक था. कोई भी ड्रोन बिना किसी वॉर्निंग के इजराइली हवाई सीमा के अंदर कैसे आ सकता है, इसकी जांच हो रही है. बार-बार इजरायल में हो रहे हमलों से यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या आयरल डोम अब अभेद नहीं रहा. पहले ईरान फिर लेबनान के कई रॉकेट इजरायल में तबाही मचा चुके हैं. 

इजरायल में इस बात की चिंता है कि  उसके एयर-डिफेंस सिस्टम में इतनी आसानी से सेंध कैसे लगाई गई. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के अनुसार, हिजबुल्लाह के ड्रोन ने बिनयामिना के पास इजरायली सेना के बेस पर हमला किया. बिनयामिना तेल अवीव से 64 किलोमीटर उत्तर में और लेबनानी सीमा के पास स्थित एक शहर है. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से यह आईडीएफ बेस पर सबसे घातक हमलों में से एक था. टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयरन डोम से बचकर हमला करने वाला ड्रोन संभवत मिरसाद-1 है.

इजरायली मिलिट्री बेस पर हमला करने वाला ड्रोन

टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया कि समुद्र से दागे गए दो ड्रोन रविवार को इजराइली हवाई क्षेत्र में घुस आए. इजरायली मीडिया आउटलेट ने बताया कि दोनों मिरसाद ड्रोन थे जिन्हें ईरान में अबाबिल-टी के नाम से जाना जाता है. यह मॉडल 
हिजबुल्लाह का मुख्य आत्मघाती ड्रोन है. इजरायली शोध संस्थान अल्मा सेंटर के हवाले से बताया गया है कि मिरसाद-1 ड्रोन की रेंज 120 किलोमीटर है और इसकी अधिकतम गति 370 किलोमीटर प्रति घंटा है. ड्रोन 40 किलोग्राम तक का पेलोड (विस्फोटक) ले जा सकता है और 3,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है. जेरूसलम पोस्ट ने कहा कि मिर्साद-1 एक ड्रोन था जिसे हिजबुल्लाह ने दो दशकों से अधिक समय से तैनात किया था, और यह ईरानी डिजाइन पर आधारित था.

क्या यह पहली बार है कि हिजबुल्लाह का ड्रोन इजरायल में घुसा है?

यह पहली बार नहीं है कि हिजबुल्लाह के ड्रोन बिना पकड़े गए इजरायली हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए हों. डिफेंस इंडस्ट्री डेली की रिपोर्ट के अनुसार, 11 अप्रैल को हिजबुल्लाह का एक ड्रोन पश्चिमी गैलिली शहरों और बस्तियों के ऊपर नौ मिनट तक बिना किसी पहचान के उड़ता रहा फिर सुरक्षित रूप से दक्षिणी लेबनान लौट गया. टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया कि इजराइली हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले दोनों ड्रोनों को आईडीएफ रडारों ने पहचान लिया तथा उनमें से एक को हाइफा के उत्तरी तट पर मार गिराया गया. दूसरा ड्रोन जो रडार से गायब हो गया और इज़रायली सेना के बेस पर जा गिरा. लेकिन यह ड्रोन आयरन डोम सिस्टम के रडार से कैसे गायब हो गया?

मिरसाद-1 ड्रोन का पता कैसे नहीं चला?

आयरन डोम एंटी मिसाइल सिस्टम इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली का हिस्सा है. इसे छोटी दूरी से दागे गए रॉकेटों को बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें सभी मौसमों में काम करने वाली फायर-कंट्रोल रडार प्रणाली है जो 4-70 किमी की दूरी पर सभी संभावित लक्ष्यों का पता लगाती है और उन पर नज़र रखती है. लेकिन पिछले कुछ समय से आयरन डोम बेअसर दिख रहा है.  जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार के हमले में हिजबुल्लाह ने रॉकेट हमले की आड़ में कई ड्रोन दागे जिसका मकसद आयरन डोम को चकमा देना था. हालांकि आयरन डोम प्रणाली अभेद्य नहीं है. मिसाइलों की बौछार से यह ध्वस्त हो सकती है.  रडार से गायब होने का दूसरा कारण यह था कि ड्रोन काफी नीचे उड़ रहा था.