Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के तनाव से पूरी दुनिया चिंतित है. दुनिया के सामने एक और महायुद्ध की स्थिति बन रही है. दोनों देशों के बीच तनाव ने भारत की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है. भारत की चिंताएं इसलिए बढ़ गई हैं क्योंकि ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर दिया जाता है तो भारत कच्चे तेल की कमी से जूझने पर मजबूर हो जाएगा. इस वजह से तेल और एलएनजी कीमतें बढ़ जाएंगी.
रिपोर्ट के अनुसार, जानकारों का इस संघर्ष पर कहना है कि होमुर्ज स्ट्रेट को यदि ईरान ने बंद कर दिया तो कच्चे तेल और एलएनजी की कीमतों में उफान आ जाएगा. इस स्ट्रेट से भारत सऊदी अरब, इराक और संयुक्त अरब अमीरात से तेल मंगाता है.
ईरान और इजरायल संघर्ष के बाद कच्चे तेल का मूल्य 90 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. जानकारों के अनुसार, तनाव कम करने के प्रयासों से ही इस संकट पर काबू पाया जा सकता है लेकिन जंग की स्थिति में ईरान ने यदि होर्मुज स्ट्रेट को अवरुद्ध किया तो तेल और एलएनजी की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जाएगी.
होर्मुज स्ट्रेट ईरान और ओमान के बीच लगभग 40 किमी चौड़ी समुद्री पट्टी है. इस समुद्री मार्ग के जरिए सऊदी अरब 63 लाख बैरल प्रति दिन, ईरान 13 लाख प्रति बैरल प्रति दिन, कुवैत, यूएई, कतर और इराक मिलकर 33 लाख प्रति बैरल कच्चे तेल की दुनिया को आपूर्ति करते हैं. दुनिया के 20 फीसदी एलएनजी का व्यापार इसी मार्ग से होता है. भारत अपनी जरूरत का कच्चा तेल और एलएनजी इसी मार्ग के जरिए मंगाता है.