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इजरायल के जासूस को ईरान ने फांसी पर लटकाया, इजरायली स्पाई की वो गलती जो बनी मौत का कारण

Iran hangs Israeli spy: यह घटना ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव को और बढ़ा सकती है. दोनों देश एक-दूसरे पर जासूसी और हमलों के आरोप लगाते रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Iran hangs Israeli spy Mossad Mohsen Langarneshin
Courtesy: Social Media

Iran hangs Israeli spy: ईरान ने बुधवार को एक व्यक्ति को फांसी दे दी, जिस पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप था. इस व्यक्ति पर 2022 में तेहरान में एक वरिष्ठ रिवॉल्यूशनरी गार्ड कर्नल, हसन सय्यद खोदाई की हत्या में अहम भूमिका निभाने का इल्जाम था. ईरान की सरकारी मीडिया ने इस खबर की पुष्टि की.

आरोपी का नाम मोहसन लंगरनेशिन था. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, उसे 2020 में मोसाद ने भर्ती किया था. उसने जॉर्जिया और नेपाल में इजरायली खुफिया अधिकारियों से मुलाकात की थी. मोहसन पर मोसाद को तकनीकी सहायता देने और हसन सय्यद खोदाई की हत्या में मदद करने का आरोप था. इसके अलावा, उसने ईरान में कई सुरक्षित ठिकाने किराए पर लिए, जिनमें इस्फहान शहर भी शामिल था.

कर्नल खोदाई की हत्या कैसे हुई?

2022 में, कर्नल हसन सय्यद खोदाई को तेहरान में उनके घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी. दो हमलावरों ने मोटरबाइक पर सवार होकर इस हत्या को अंजाम दिया. उस समय, स्थानीय मीडिया ने खोदाई को केवल "मंदिर का रक्षक" बताया था. यह उपाधि उन ईरानियों को दी जाती है जो रिवॉल्यूशनरी गार्ड की कुद्स फोर्स में सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ते हैं.

अन्य आरोप और ड्रोन हमला

मोहसन लंगरनेशिन पर केवल हत्या में सहायता का ही आरोप नहीं था. ईरान ने दावा किया कि वह जनवरी 2023 में इस्फहान में एक सैन्य सुविधा पर हुए ड्रोन हमले में भी शामिल था. ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. मोहसन ने कथित तौर पर इस हमले के लिए लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था की थी.

गुप्त अदालत में सुनवाई

मोहसन का मुकदमा ईरान की रिवॉल्यूशनरी कोर्ट में चला, जो अपनी कठोर सजा और गोपनीय सुनवाई के लिए जानी जाती है. इस कोर्ट में आरोपियों को सीमित कानूनी अधिकार मिलते हैं. उन्हें वकील की पूरी मदद नहीं दी जाती, और मीडिया को भी सुनवाई में प्रवेश की अनुमति नहीं होती. मोहसन ने अदालत में अपने अपराध कबूल किए, जिसके बाद उसे फांसी की सजा सुनाई गई.