ईरान ने इजरायल को दी खुली धमकी, कहा सुरक्षा के लिए नहीं है कोई रेड लाइन; मिडिल ईस्ट में सुलग गई जंग की चिंगारी!
Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच चल रही तनातनी की वजह से मिडिल ईस्ट में जंग की नई बयान छिड़ चुकी है. इजरायल और ईरान दोनों ही एक दूसरे को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. जंग ए माहौल के बीच ईरान के विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनके पास खुद को डिफेंड करने के लिए कोई भी रेड लाइन नहीं है. उनके इस बयान का सीधा मतलब इजरायल को चेतावनी देने से निकाला जा रहा है.
Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने हाल ही में एक कड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इजरायल को स्पष्ट चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ईरान के पास अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की "रेड लाइन" नहीं है और वह अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.
अब्बास अराकची ने अपने एक बयान में कहा कि हाल के हफ्तों में क्षेत्र में युद्ध को रोकने के लिए ईरान ने भरपूर कोशिश की है, लेकिन अगर उसकी सुरक्षा को खतरा होता है, तो ईरान के पास खुद को बचाने के लिए कोई सीमाएं नहीं हैं. उन्होंने कहा, "हमारी जनता और हितों की सुरक्षा के लिए कोई रेड लाइन नहीं है." यह बयान उस समय आया है जब इजरायल और ईरान समर्थित समूहों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, खासकर लेबनान में हिज़्बुल्लाह और गाजा में हमास के साथ इजरायल की लड़ाई जारी है.
ईरान के मिसाइल हमले और इजरायल की प्रतिक्रिया
1 अक्टूबर को, ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इनमें से कई मिसाइलें इजरायली डिफेंस सिस्टम द्वारा रोक ली गईं, लेकिन कुछ मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुंच गईं, जिससे वेस्ट बैंक में मलबे के कारण एक फिलिस्तीनी नागरिक की मौत हो गई. इस पर इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा था कि इजरायल ईरान पर ऐसा हमला करेगा जो "मौत का, सटीक और चौंकाने वाला" होगा.
मध्य पूर्व में स्थिति गंभीर
मध्य पूर्व के हालात इस समय बेहद तनावपूर्ण हैं. ईरान और इजरायल समर्थित समूहों के बीच जारी संघर्ष से क्षेत्र में और भी बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इजरायल लेबनान में हिज़्बुल्लाह और गाजा में हमास के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. साथ ही, अन्य ईरान समर्थित समूह जैसे यमन के हूथी और इराक के सशस्त्र गुट भी इजरायल पर हमले कर रहे हैं. इन हमलों से अमेरिका और ईरान के बीच भी संघर्ष की स्थिति पैदा हो रही है.
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र से की अपील
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया है कि वह लेबनान में तैनात यूएनपीएफ शांति सैनिकों को युद्ध क्षेत्र से हटा ले. इजरायल का कहना है कि इन शांति सैनिकों पर हाल के दिनों में कई हमले हुए हैं, जिनमें पांच शांति सैनिक घायल हो गए हैं. हालांकि, हिज़्बुल्लाह ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि इजरायल खुद इन सैनिकों को निशाना बना रहा है ताकि वे इजरायल के अभियानों को रोकने में सक्षम न रहें.
अमेरिका की चिंता और क्षेत्रीय संघर्ष
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से बातचीत के दौरान इस बात पर गहरी चिंता जताई कि इजरायली सेनाओं ने शांति सैनिकों पर गोलीबारी की है. उन्होंने इजरायल से अपील की कि वह शांति सैनिकों और लेबनानी सेना की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
वहीं, लेबनानी सेना इजरायल के साथ हिज़्बुल्लाह के संघर्ष का हिस्सा नहीं है, लेकिन इस सीमा पर जारी संघर्ष से आम जनता पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. इजरायल के हमलों ने अब तक 1.2 मिलियन से ज्यादा लोगों को विस्थापित कर दिया है, जबकि लेबनान सरकार का कहना है कि पिछले एक साल के संघर्ष में 2,100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ती खाई
ईरान और इजरायल के बीच का यह संघर्ष न सिर्फ इन दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दोनों देशों के बीच की यह तनातनी किसी भी समय बड़े युद्ध का रूप ले सकती है, जिससे इस क्षेत्र में और अधिक तबाही की आशंका है.