Washington: भारतीय मूल के काश पटेल को अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. गुरुवार को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 के मामूली अंतर से उनके नाम की पुष्टि की. अपनी नियुक्ति के बाद, पटेल ने एजेंसी को पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध बनाने का संकल्प लिया.
ट्रंप और अटॉर्नी जनरल को कहा धन्यवाद
आपको बता दें कि काश पटेल ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ''मुझे एफबीआई के नौवें निदेशक के रूप में पुष्टि किए जाने पर गर्व है. राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बॉन्डी को उनके अटूट विश्वास और समर्थन के लिए धन्यवाद.''
I am honored to be confirmed as the ninth Director of the Federal Bureau of Investigation.
— FBI Director Kash Patel (@FBIDirectorKash) February 20, 2025
Thank you to President Trump and Attorney General Bondi for your unwavering confidence and support.
The FBI has a storied legacy—from the “G-Men” to safeguarding our nation in the wake of…
'न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण का अंत आज से'
वहीं पटेल ने एफबीआई को जनता का विश्वास वापस दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, ''एफबीआई की विरासत गौरवशाली रही है, 'जी-मेन' से लेकर 9/11 के बाद हमारे देश की सुरक्षा तक. अमेरिकी जनता एक ऐसी एफबीआई की हकदार है जो पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध हो. हमारी न्याय प्रणाली का राजनीतिकरण जनता का विश्वास खो चुका था, लेकिन यह आज से खत्म हो गया है.''
सीनेट में कड़ी टक्कर के बाद मिली मंजूरी
बताते चले कि पटेल की नियुक्ति को लेकर सीनेट में कड़ा विरोध देखने को मिला. जहां अलास्का की रिपब्लिकन सीनेटर लिसा मुर्कोव्स्की और मेन की सुसान कोलिन्स ने उनके खिलाफ मतदान किया, वहीं सीनेट अल्पसंख्यक नेता मिच मैककोनेल सहित अन्य रिपब्लिकन नेताओं का समर्थन मिला. हालांकि, सभी डेमोक्रेट्स ने उनके खिलाफ मतदान किया, लेकिन मामूली अंतर से पटेल को एफबीआई निदेशक के रूप में पुष्टि मिल गई.
एफबीआई को नई दिशा देने का संकल्प
इसके अलावा, पटेल की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका में न्याय प्रणाली की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वह एफबीआई में सुधार लाने और उसे राजनीति से दूर रखने के लिए काम करेंगे.
क्या बदल सकते हैं काश पटेल के नेतृत्व में समीकरण?
बहरहाल, पटेल की नियुक्ति से एफबीआई की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है. उनके समर्थकों का मानना है कि वह एजेंसी को पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगे, जबकि उनके विरोधी उनके ट्रंप से जुड़े होने के कारण उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि काश पटेल अपने वादों पर कितना खरा उतरते हैं और क्या वाकई एफबीआई में सुधार ला पाते हैं.