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ट्रंप प्रशासन भारतीय रिसर्चर को नहीं कर सकता निर्वासित, US जज का आदेश

Indian Scholar In US Hamas Ties: हाल ही में अमेरिका में रह रहे एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. इस पर आरोप लगाया गया है कि यह यहूदी विरोधी भावना फैलाता है और फिलिस्तीनी आतंकवादी ग्रुप हमास के साथ जुड़ा हुआ है.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Indian Scholar In US Hamas Ties

Indian Scholar In US Hamas Ties: हाल ही में अमेरिका में रह रहे एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. इस पर आरोप लगाया गया है कि यह यहूदी विरोधी भावना फैलाता है और फिलिस्तीनी आतंकवादी ग्रुप हमास के साथ जुड़ा हुआ है. इस वापस भारत भेजने की बात कही जा रही थी. हालांकि, एक फेडरल जज ने गुरुवार को इस व्यक्ति के निर्वासन को रोक दिया है. साथ ही अधिकारियों को आदेश दिया कि जब तक अदालत अपना नियम नहीं बदल देती, तब तक उन्हें निर्वासित न किया जाए. 

भारतीय रिसर्चर बदर खान सूरी को अधिकारियों ने गिरफ्तार किया, जिन्होंने खुद को होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट का एजेंट बताया. उन्हें बताया गया कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है. वहीं, अलेक्जेंड्रिया, वर्जीनिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पेट्रीसिया टोलिवर गिल्स ने आदेश दिया कि बदर खान सूरी को तब तक संयुक्त राज्य अमेरिका से नहीं निकाला जाएगा जब तक कि अदालत इसके विपरीत आदेश जारी न कर दे. 

निर्वासन कार्यवाही को रोकने की मांग:

होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि बदर खान सूरी को लेकर कहा जाता है कि उनका संबंध किसी संदिग्ध आतंकवादी से है. सूरी के वकीलों ने उनके निर्वासन कार्यवाही को रोकने की मांग की. 

सूरी और उनकी पत्नी को रखा गया धोखे में: 

अदालती फाइलिंग में कहा गया है कि सूरी और उनकी पत्नी, मेफेज सालेह को लंबे समय से धोखा दिया गया है और बदनाम किया गया है. लोगों ने सालेह की तस्वीर को ऑनलाइन रिलीज किया और जानकारी दी जिसमें कहा गया कि अल जजीरा के साथ उनकी पुरानी नौकरी और गाजा शहर में उनका जन्मस्थान शामिल है. 

उनके वकील ने कहा कि सूरी को उनके परिवार और वकील से 1,600 किलोमीटर से ज्यादा दूर हिरासत में लिया जाना सही नहीं है. बता दें कि सूरी एडमंड ए वाल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डीसी में अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं.