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भारत की बेटी ने अर्जेंटीना में लहराया परचम, दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी पर की चढ़ाई

भारतीय पर्वतारोही भावना डेहरिया ने अर्जेंटीना में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी, एकॉनकागुआ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके एक नया इतिहास रच दिया है.

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Edited By: Garima Singh
Bhawna Dehariya
Courtesy: x

न्यूयॉर्क, 24 जनवरी। भारतीय पर्वतारोही भावना डेहरिया ने अर्जेंटीना में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी, एकॉनकागुआ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके एक नया इतिहास रच दिया है.

यह उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के अधिकारों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

एकॉनकागुआ की दुर्गम चढ़ाई

एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भावना डेहरिया ने बुधवार को 6,961 मीटर ऊँची एकॉनकागुआ चोटी पर विजय प्राप्त की. यह चढ़ाई उनके ‘सात शिखरों’ को फतह करने के महत्वाकांक्षी मिशन का एक हिस्सा है, जिसमें प्रत्येक महाद्वीप के सबसे ऊँचे पर्वतों पर चढ़ाई करना शामिल है. एकॉनकागुआ की चढ़ाई बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जाती है, लेकिन डेहरिया ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस का परिचय देते हुए इसे सफलतापूर्वक पूरा किया.

‘सात शिखर’ मिशन की ओर कदम

एकॉनकागुआ की सफलता के साथ, डेहरिया ने अपने ‘सात शिखर’ मिशन में एक और महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिया है. इससे पहले, वह एवरेस्ट (एशिया), किलिमंजारो (अफ्रीका), कोसियस्जको (ऑस्ट्रेलिया) और एल्ब्रस (यूरोप) के पश्चिमी और पूर्वी दोनों शिखरों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं.

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का जश्न

विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि यह अभियान एंडीज पर्वतमाला में दो सप्ताह की कठिन यात्रा का समापन है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में शुरू किए गए भारत के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की 10वीं वर्षगांठ का जश्न भी मनाता है. यह अभियान भारत में बालिकाओं के शिक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देता है.

बेटी की प्रेरणा और समर्थन

भावना डेहरिया अपनी बेटी सिद्धि मिश्रा के साथ इस अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्हें यह सम्मान भारत के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है. सिद्धि मिश्रा ने पिछले साल अपनी माँ के साथ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुँचने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची बनकर इतिहास रचा था. यह माँ-बेटी की जोड़ी महिला सशक्तिकरण का एक जीवंत उदाहरण है.

भावना डेहरिया का संदेश

अपनी इस सफलता पर भावना डेहरिया ने कहा, ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान मेरी यात्रा में एक मार्गदर्शक रहा है. यह हमें याद दिलाता है कि हर लड़की को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए, जैसा कि मुझे एकॉनकागुआ में मिला.’’ यह संदेश देश की हर बेटी को प्रेरित करता है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)