कनाडा में अमेरिका से पैदल, बिना दस्तावेजों के आने वाले हिंदुस्तानियों की संख्या तेजी से बढ़ी हैं. हिंदुस्तानी, अमेरिका में पैदल ही अवैध तरीके से घुस रहे हैं. उनके पास कोई वैध दस्तावेज भी नहीं हैं. कनाडा की वीजा स्क्रीनिंग प्रक्रिया ही शक के घेरे में है. अमेरिका की यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) डेटा के मुताबिक जून में करीब 5,152 लोग बिना दस्तावेजों के कनाडा से अमेरिका पहुंचे. दिसंबर 2023 से कनाडा से अमेरिका में प्रवेश करने वाले हिंदुस्तानियों की संख्या, मेक्सिको रूट से भी ज्यादा है.
अमेरिका और कनाडा की सीमा करीब 9,000 किलोमाटर तक फैली है. यूएस-कनाडा लाइन, दुनिया की सबसे लंबी खुली सीमा है. यह मेक्सिको से लगभग दोगुनी है. यूएस सीबीपी डेटा का कहना है कि जनवरी-जून के दौरान कनाडा के साथ अमेरिकी सीमा पर पकड़े गए हिंदुस्तानियों की औसत संख्या 2023 में 2,548 से 47% बढ़कर 3,733 तक पहुंच गई. यह साल 2021 के आंकड़ों से करीब 13 गुना ज्यादा है.
अमेरिका में कानूनी रूप से बसे हिंदुस्तानी समाज का दबदबा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतवंशियों की आबादी भी बढ़ी है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि हिंदुस्तानी, अमेरिकी अबादी में महज 1.5 प्रतिशत हैं वे हाई टैक्स पेयर हैं. सभी इनकम टैक्स का करीब 5 से 6 प्रतिशत हिस्सा हिंदुस्तानी देते हैं. लोग कनाडा से भागकर अमेरिका बेहद भविष्य की तलाश में आते हैं.
सीबीपी के प्रवक्ता का कहना है कि अमेरिकी कड़े नियम-कानूनों में भरोसा रखते हैं. उनकी सीमाएं सिर्फ वैध प्रवासियों के लिए ही खुली हैं. जिसके पास सही कागज हैं, उन्हें ही यहां रहने की इजजात है. दूसरे किसी भी सीमा से ज्यादा सुरक्षित ये सीमा प्रवासियों के लिए है. यहां कम से कम गोली नहीं मारी जाती. यह डंकी रूट की तरह खतरनाक नहीं है. कनाडा में हिंदुस्तानियों के शेल्टर लेने के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं.
अमेरिका में पकड़े जाने के बाद लोग ब्रिटेन भाग रहे हैं. ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा है कि यह सिस्टम का दोहन है. हर शरणार्थी, वैध होना चाहिए. इस तरह शेल्टर लेना गलत है. अब कनाडा और यूके दोनों मिलकर इसे रोकने की दिशा में काम करेंगे. कनाडा यह समझने की कोशिश कर रहा है कि कैसे अवैध प्रवासी, बॉर्डर क्रॉस कर रहे हैं.