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India Daily

'टैरिफ को कम करने के लिए US से कोई कमिटमेंट नहीं', ट्रंप के बयान को लेकर सरकार ने संसदीय पैनल को दिया जवाब

Indian Government on Trump Tariff: इसके अलावा, प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता भारतीय वस्त्र और चमड़े के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Indian Government on US Tariffs Says no Commitment on Donald Trump Statement
Courtesy: Social Media

Indian Government on Trump Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा किया गया था कि भारत ने अपने टैरिफ को कम करने का वादा किया है. ट्रंप के इस बयान को लेकर भारत सरकार ने संसद की स्थायी समिति को सोमवार को यह स्पष्ट किया कि इस मामले में अमेरिका से कोई कमिटमेंट नहीं किया गया है. सरकार ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा बार-बार उठाए गए सवाल का समाधान करने के लिए भारत को सितंबर तक का समय चाहिए.

संसदीय पैनल के सामने अपने बयान में, वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक दीर्घकालिक व्यापार समझौते पर काम हो रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के लिए लाभकारी व्यापार सहयोग विकसित करना है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के बीच सिर्फ तत्काल टैरिफ घटाने की बजाय, व्यापार के संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

भारत सरकार का जवाब

ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर उच्च टैरिफ लगाए जाने की चेतावनी दी थी. उन्होंने अप्रैल 2 से उन देशों के खिलाफ प्रतिवादक टैरिफ लगाने की बात कही थी, जिनके टैरिफ दरें अधिक हैं. इस मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने वाणिज्य सचिव से सवाल किया, जिस पर बार्थवाल ने यह स्पष्ट किया कि भारत फिलहाल प्रतिवादक टैरिफ से बच सकता है.

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता हो सकता है फायदा

वाणिज्य सचिव ने इस बात का भी उल्लेख किया कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. सरकार का मानना है कि अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए उच्च टैरिफ भारत के लिए कुछ क्षेत्रों में अवसरों का द्वार खोल सकते हैं.

चीन के मुद्दे पर सरकार ने दिया स्पष्टीकरण

संसदीय पैनल ने चीन के साथ सीमा पर चल रहे निर्माण कार्य और ब्रह्मपुत्र नदी पर डेम बनाने के मुद्दे पर भी सरकार से सवाल किए. इस पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत और चीन के बीच इस विषय पर कोई समझौता नहीं है, लेकिन पाकिस्तान के साथ एक जल समझौता है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन भारत के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने की इच्छा रखता है, जिसमें सीधी उड़ानें, पर्यटकों के लिए वीजा, और पत्रकारों की तैनाती शामिल हैं.

सरकार ने यह स्पष्ट किया कि भारत की राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी रहेगी, और इस पर उचित कदम उठाए जाएंगे. इन वार्ताओं से भारत को कुछ नए व्यापारिक अवसर प्राप्त हो सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां चीन के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई के कारण भारत को लाभ हो सकता है.