Cyber Slaves: कंबोडिया में धोखाधड़ी का शिकार हुए कई भारतीयों की जल्द ही वतन वापसी होने वाली है. यह भारतीय ठगी का शिकार होने के बाद कंबोडिया में साइबर गुलामी करने के लिए मजबूर हैं. इस दौरान इनकी मुल्क वापसी को लेकर बड़ा अपडेट सामना आया है. कंबोडिया में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि वह 14 भारतीयों की सुरक्षित और समय पर वापसी सुनिश्चित करने के लिए शेष बची औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रहा है. दूतावास ने कहा कि इन लोगों को साइबर स्लेवरी कराने के लिए धोखा दिया गया था.
🇮🇳 @indembcam in collaboration with Cambodian authorities have got 14 Indian citizens trapped in cybercrime scam released. 🚨 They are being looked after by Cambodian side. Embassy working for their expeditious return home & remains committed to their welfare.#PressRelease 👇🏻 pic.twitter.com/4TkzFoz3RQ
— India in Cambodia (@indembcam) July 20, 2024
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीड़ितों के पासपोर्ट छीन लिए जाते थे और उन्हें भारत में लोगों को निशाना बनाने के लिए साइबर स्कैमिंग और कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था. दूतावास की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि कंबोडियाई अधिकारियों के साथ बातचीत के जरिए दूतावास ने धोखाधड़ी का शिकार हुए 650 से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस मुल्क भेजने में सफलता प्राप्त की है.
प्रेस रिलीज में आगे कहा गया कि हाल ही में हमने कंबोडियाई पुलिस को विशेष सुराग दिए थे जिससे 14 अतिरिक्त भारतीय पीड़ितों को बचाया जा सका. वर्तमान में कंबोडिया के सामाजिक मामलों और युवा पुनर्वास मंत्रालय के समन्वय में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन उनकी देखभाल कर रहा है.
दूतावास ने कहा, "हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम उन्हें सलाह देते हैं कि वे देश में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत हमें रिपोर्ट करें.
इस बड़े घोटाले का पता तब चला जब भारत में एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी ने पिछले साल 31 दिसंबर को 67 लाख रुपये से अधिक की ठगी के बाद एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद, यह घोटाला सामने आया और भारतीयों को कंबोडिया ले जाने के आरोप में आठ लोगों को अरेस्ट किया गया था.