menu-icon
India Daily

कंबोडिया से जल्द वापस लौटेंगे साइबर स्लेवरी करने वाले भारतीय, सामने आया बड़ा अपडेट

Cyber Slaves: कंबोडिया में नौकरी का झांसा देकर लाए गए भारतीयों को साइबर स्लेवरी करनी पड़ रही है. इस मामले का जब खुलासा हुआ तब भारतीय विदेश मंत्रालय हरकत में आया. विदेश मंत्रालय कंबोडिया में धोखाधड़ी का शिकार हुए भारतीयों को वापस लाने के बड़े स्तर पर अभियान चला रहा है.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Cyber Slaves in Cambodia
Courtesy: Social Media

Cyber Slaves: कंबोडिया में धोखाधड़ी का शिकार हुए कई भारतीयों की जल्द ही वतन वापसी होने वाली है. यह भारतीय ठगी का शिकार होने के बाद कंबोडिया में साइबर गुलामी करने के लिए मजबूर हैं. इस दौरान इनकी मुल्क वापसी को लेकर बड़ा अपडेट सामना आया है. कंबोडिया में स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को कहा कि वह 14 भारतीयों की सुरक्षित और समय पर वापसी सुनिश्चित करने के लिए शेष बची औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के लिए काम कर रहा है. दूतावास ने कहा कि इन लोगों को साइबर स्लेवरी कराने के लिए धोखा दिया गया था. 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीड़ितों के पासपोर्ट छीन लिए जाते थे और उन्हें भारत में लोगों को निशाना बनाने के लिए साइबर स्कैमिंग और कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था. दूतावास की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि कंबोडियाई अधिकारियों के साथ बातचीत के जरिए दूतावास ने धोखाधड़ी का शिकार हुए 650 से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस मुल्क भेजने में सफलता प्राप्त की है.  

चंगुल से रिहा हुए भारतीय 

प्रेस रिलीज में आगे कहा गया कि हाल ही में हमने कंबोडियाई पुलिस को विशेष सुराग दिए थे जिससे 14 अतिरिक्त भारतीय पीड़ितों को बचाया जा सका. वर्तमान में कंबोडिया के सामाजिक मामलों और युवा पुनर्वास मंत्रालय के समन्वय में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन उनकी  देखभाल कर रहा है. 

क्या बोला दूतावास?

दूतावास ने कहा, "हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और कंबोडिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.  हम उन्हें सलाह देते हैं कि वे देश में किसी भी नौकरी के प्रस्ताव के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत हमें रिपोर्ट करें. 

कब हुआ मामले का खुलासा 

इस बड़े घोटाले का पता तब चला जब भारत में एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी ने पिछले साल 31 दिसंबर को 67 लाख रुपये से अधिक की ठगी के बाद एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद, यह घोटाला सामने आया और भारतीयों को कंबोडिया ले जाने के आरोप में आठ लोगों को अरेस्ट किया गया था.