Rishi Shah: भारतीय मूल के अमेरिकन बिजनेसमैन ऋषि शाह को धोखाधड़ी के मामले में साढ़े सात साल की सजा सुनाई गई है. शाह शिकागो में हेल्थ तकनीकी स्टार्टअप आउटकम हेल्थ के फाउंडर हैं. कंपनी पर 8300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. कंपनी अमेरिका में डॉक्टरों के कार्यालयों को टीवी विज्ञापन मुहैया कराने का काम करती है. कंपनी की धोखाधड़ी में गोल्डमैन सैक्स, गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट और इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर की वेंचर कैपिटल जैसे बड़े निवेशकों को चूना लगाया था.
ऋषि शाह ने हार्वर्ड और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में ही उनकी मुलाकात श्रद्धा अग्रवाल से हुई जो आउटकम हेल्थ की अध्यक्ष और को फाउंडर हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, ऋषि शाह ने अपने कॉलेज के दिनों से ही आउटकम हेल्थ की शुरुआत कर दी थी. उस समय कंपनी का नाम कॉन्टेक्स्ट मीडिया था. साल 2006 में बनी इस कंपनी का उद्देश्य हेल्थकेयर प्रोवाइडर, डॉक्टरों के दफ्तरों में टीवी लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य से जुड़े विज्ञापन दिखाना था. इस कारण कंपनी ने ग्रोथ बहुत तेजी से की. इसके बाद उनकी साथी श्रद्धा अग्रवाल भी कंपनी के को-फाउंडर के रूप में जुड़ गईं.
अमेरिकी कोर्ट के वकीलों का कहना है कि शाह ने अपने साथियों के साथ मिलकर कंपनी की वित्तीय स्थिति को बेहतर दिखाकर ग्राहकों और उधारदाताओं से झूठ बोला. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी जितना विज्ञापन दिखाती थी उससे कहीं ज्यादा बेचने का दावा करती थी. कंपनी गलत आंकड़ों के जरिए 8300 करोड़ रुपये का घोटाला छिपा रही थी.
साल 2017 की वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट में इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ. इसके बाद गोल्डमैन सैक्स, अल्फाबेट कंपिनयों ने आउटकम हेल्थ पर धोखाधड़ी का मुकदमा दायर कर दिया. अप्रैल 2023 में अमेरिकी अदालत ने ऋषि शाह को दोषी करार दे दिया. अमेरिकी अदालत ने शाह को साढ़े सात साल उनके साथी को तीन साल और वित्तीय अधिकारी को दो साल से अधिक की सजा सुनाई है.