S Jai Shankar on Kashmir Issue and POK: भारत के विदेश मंत्री, एस जयशंकर ने यूके में बुधवार को कश्मीर के मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की. भारतीय सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में उन्होंने चर्चा की. इसमें आर्टिकल 370 को हटाना, कश्मीर में आर्थिक उपायों को लागू करना, और चुनाव कराने जैसे बातें शामिल थे. जयशंकर ने यह बयान लंदन स्थित चैथम हाउस थिंक टैंक में "भारत का उदय और दुनिया में भूमिका" सत्र के दौरान दिया. उन्होंने यह भी कहा कि पीओको के भारत में मिलते ही कश्मीर का मुद्दा सलझ जाएगा.
कश्मीर के मुद्दे पर क्या बोले भारत के विदेश मंत्री
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से कश्मीर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "कश्मीर में हमने अधिकांश समस्याओं का समाधान अच्छे तरीके से किया है. आर्टिकल 370 को हटाना एक कदम था. इसके बाद, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. फिर, चुनाव कराए गए, जिसमें बहुत उच्च मतदान हुआ, यह तीसरा कदम था. अब, हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर का वो भाग है, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. जब वह वापस आ जाएगा, तो मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि कश्मीर का मुद्दा सुलझ जाएगा."
भारत और अमेरिका के रिश्तों पर भी की चर्चा
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के बारे में भी बात की और कहा कि वह बहुपोलरता की दिशा में बढ़ रहे हैं, जो भारत के हित में है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमति जताई है. उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे राष्ट्रपति और प्रशासन को देखते हैं जो बहुपोलरता की दिशा में बढ़ रहे हैं, और यह भारत के लिए उपयुक्त है."
जयशंकर ने क्वाड (US, India, Australia, Japan) गठबंधन पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण से, हमारा साझा कार्यक्षेत्र क्वाड है, जिसमें हर कोई अपना हिस्सा निभाता है. इसमें कोई मुफ्त सवारी नहीं है, और यह एक अच्छा मॉडल है जो काम करता है." व्यापारिक मुद्दों पर, उन्होंने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा करने के लिए गए हैं, और इस बातचीत के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने इस पर सहमति जताई है.
चीन के साथ कैसे हैं भारत के रिश्ते
चीन के साथ भारत के रिश्तों पर भी जयशंकर ने अपनी बात रखी. उन्होंने अक्टूबर 2024 के बाद कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया, जिनमें तिब्बत में माउंट कैलाश यात्रा मार्ग का उद्घाटन शामिल था. उन्होंने कहा, "हमारा चीन के साथ एक बहुत ही अनोखा संबंध है, क्योंकि हम दोनों ही दुनिया के दो बिलियन से अधिक आबादी वाले देश हैं. हम चाहते हैं कि हमारे संबंधों में हमारे हितों का सम्मान किया जाए और दोनों देशों के लिए यह काम करे."