India-US Fast Track Mechanism: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर हाल ही में काफी चर्चा हो रही है. ये बातचीत 2 अप्रैल की डेडलाइन के आसपास हो रही है, जब अमेरिका भारत पर जवाबी शुल्क (reciprocal tariffs) लगाने की सोच रहा है. 20 जनवरी को ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद से उन्होंने चीन के साथ व्यापार युद्ध फिर से शुरू किया और कनाडा और मेक्सिको के साथ भी नए विवाद शुरू किए हैं, जिससे अमेरिका के तीन सबसे बड़े व्यापारिक पार्टनर्स के साथ विवाद हो गया है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन भारत को चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों के साथ एक ही कैटेगरी में नहीं रखता. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अमेरिका को चीन, मेक्सिको और कनाडा के साथ कई गंभीर समस्याएं हैं जैसे मुद्रा हेरफेर, अवैध प्रवास और सुरक्षा से जुड़ी बातें. लेकिन भारत के साथ सिर्फ टैरिफ का मुद्दा है और वो भी दोनों देशों के बीच अच्छे तरीके से सुलझ रहा है.'
भारत और अमेरिका के बीच 'India-US Fast Track Mechanism' नाम से एक ऑफिशल मीटिंग बुधवार को शुरू हुई. अमेरिकी टीम का लीडर ब्रेंडन लिंच हैं, और भारतीय टीम की अगुवाई राजेश अग्रवाल, जो वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं, कर रहे हैं. दोनों देशों को उम्मीद है कि इस हफ्ते शुक्रवार तक वे एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का मसौदा तैयार कर लेंगे.
एक अधिकारी के मुताबिक, बातचीत अच्छे तरीके से चल रही है और दोनों सरकारों को इससे संतुष्टि मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, 'इस नतीजे को 2 अप्रैल की डेडलाइन से पहले ट्रम्प प्रशासन ध्यान में रख सकता है, जब भारत पर जवाबी टैरिफ लगाने का फैसला लिया जाएगा.'
एक और अधिकारी ने बताया कि इस बातचीत का हिस्सा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अप्रैल में वाशिंगटन दौरा होगा. उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री का ये दौरा बातचीत को और आगे बढ़ा सकता है, लेकिन ये सिर्फ व्यापार और टैरिफ तक सीमित नहीं रहेगा. भारत और अमेरिका दोनों देश अपने आर्थिक रिश्तों को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने 13 फरवरी को यह संकल्प लिया था कि वे 2030 तक भारत-अमेरिका बाईलेटरल ट्रेड को $200 बिलियन से बढ़ाकर $500 बिलियन करेंगे. इसके तहत 2025 तक एक बाईलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा गया है.
अप्रैल 2 की समयसीमा ने वैश्विक बाजारों में भी हलचल मचा दी है. बुधवार को यूरोप का स्टॉक्स 600 इंडेक्स 0.5% गिरा, जबकि अमेरिकी S&P 500 और नास्डैक 100 के फ्यूचर्स में 0.2% की गिरावट देखी गई. भारत में भी बाजारों में गिरावट आई, बीएसई सेंसेक्स 728.69 अंक गिरकर 77,288.50 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 181.80 अंक गिरकर 23,486.85 पर समाप्त हुआ.