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India Daily

भारत-बांग्लादेश रिश्तों में खटास नहीं हो रही कम, पड़ोसी देश के उच्चायुक्त को किया तलब

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना पिछले साल पांच अगस्त को जनउभार के बाद भारत चली आई थीं और तबसे यहीं हैं. शेख हसीना की राजनीतिक गतिविधियों पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई बार आपत्ति जताई है.

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Edited By: Mayank Tiwari
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
Courtesy: Social Media

भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (7 फरवरी) को बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नज़रुल इस्लाम को तलब किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और हालिया घटनाओं पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में यह जानकारी दी गई कि यह बैठक 7 फरवरी को साउथ ब्लॉक में हुई.

विदेश मंत्रालय के बयान में स्पष्ट किया गया कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है. मंत्रालय ने कहा, "यह संदेश दिया गया कि भारत बांग्लादेश के साथ अच्छे और सहयोगात्मक संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जैसा कि हाल की उच्च-स्तरीय बैठकों में बार-बार व्यक्त किया गया है.

बांग्लादेश के बयान पर विदेश मंत्रालय ने जताई चिंता

हालांकि, बयान में यह भी कहा गया कि भारत को खेद है कि बांग्लादेश के अधिकारी लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं, जो भारत को नकारात्मक रूप में पेश करते हैं और आंतरिक शासन संबंधी मुद्दों के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते हैं. भारत ने इस प्रकार के बयानों को चिंताजनक बताया और इसका विरोध किया.

शेख हसीना का बयान निजी- MEA

शेख हसीना ने यूनुस सरकार पर असंवैधानिक तरीके से सत्ता हथियाने का आरोप लगाया. हसीना के संबोधन से पहले ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक नेता मुजीबुर रहमान के घर को ध्वस्त कर दिया और आग लगा दी. हसीना के भाषण के बाद भी हिंसा जारी रही.

इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि शेख हसीना का बयान उनका निजी बयान है, उससे भारत का कोई लेना देना नहीं है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने के लिए प्रयास करेगी. हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश भी माहौल को खराब किए बिना इसी तरह का प्रयास करेगा."

शेख हसीना की भारत में राजनीतिक गतिविधियां और बांग्लादेश की आपत्ति

इस बीच, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना, जो पिछले साल पांच अगस्त को जनउभार के बाद भारत चली आई थीं, उन्होंने भारत में अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रखी हैं. उधर, बांग्लादेश सरकार ने उनकी गतिविधियों पर कई बार आपत्ति जताई है और उनके खिलाफ बांग्लादेश में कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही बांग्लादेश के नेताओं ने शेख़ हसीना को प्रत्यर्पित करने की बात भी कही है.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव

पिछले कुछ महीनों से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. खासतौर से बांग्लादेश-भारत सीमा पर बीएसएफ़ द्वारा सीमा पर बाड़बंदी को लेकर बांग्लादेश की ओर से आपत्ति भी दर्ज की गई है. इस तनाव का असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ रहा है.