भारत सरकार ने बांग्लादेश को दी गई एक महत्वपूर्ण ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को रद्द कर दिया है. इस सुविधा के तहत बांग्लादेश अपने निर्यात माल को भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों (LCSs), बंदरगाहों और हवाई अड्डों के जरिए तीसरे देशों में भेज सकता था. यह कदम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उस बयान के बाद उठाया गया, जिसमें उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को 'लैंडलॉक्ड' करार देते हुए चीन की आर्थिक पहुंच बढ़ाने की वकालत की थी.
ट्रांस-शिपमेंट सुविधा पर लगी रोक
भारतीय निर्यात क्षेत्र को फायदा
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुविधा के रद्द होने से भारत के कई निर्यात क्षेत्रों, जैसे कपड़ा, जूते, और रत्न-आभूषण उद्योग को लाभ होगा. ये वे क्षेत्र हैं, जहां बांग्लादेश, खासकर परिधान उद्योग में, भारत का मजबूत प्रतिस्पर्धी है.
यूनुस ने क्या कहा था?
मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान भारत के पूर्वोत्तर को 'लैंडलॉक्ड' बताया और कहा, "यहां से समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है." उन्होंने बांग्लादेश को दक्षिण एशिया का "समुद्र का एकमात्र संरक्षक" करार देते हुए बीजिंग से आर्थिक सहयोग बढ़ाने की अपील की. यूनुस ने बीजिंग में एक उच्च-स्तरीय चर्चा में कहा, "भारत के सात राज्य, जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, लैंडलॉक्ड हैं. यह चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार की बड़ी संभावना खोलता है."
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूनुस के बयान की आलोचना की और कहा, "हमारा मानना है कि सहयोग एक समग्र दृष्टिकोण है, न कि चुनिंदा तरीके से काम करने की चीज." उन्होंने कहा, "हमारे पास बंगाल की खाड़ी में लगभग 6,500 किमी की सबसे लंबी तटरेखा है. हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के लिए कनेक्टिविटी हब बन रहा है."