India Slams Pakistan: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान के बेबुनियाद आरोपों का कड़ा जवाब देते हुए उसे उसके आंतरिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी. भारत के सलाहकार एल्डोस मैथ्यू पुननूस ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाय अपने देश की समस्याओं का समाधान करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. भारत के इस स्पष्ट रुख ने पाकिस्तान के झूठे आरोपों की पोल खोल दी.
पुननूस ने कहा, "पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोप मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े हैं. भारत फिर से स्पष्ट करता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा थे, हैं, और हमेशा रहेंगे."
#IndiaAtUN
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) October 14, 2024
Counsellor Eldos Mathew Punnoose, exercised 🇮🇳's right of reply against Pakistan at the Joint General Debate on decolonization today. pic.twitter.com/3OylL2QJhr
पुननूस ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (PoJKL) में चल रहे मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा, "इस समय हम पाकिस्तान को यह भी सलाह देते हैं कि वह अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में चल रहे गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन को बंद करे."
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को पहले अपने घर को ठीक करना चाहिए और दूसरों के मामलों में दखल देने से बचना चाहिए.
पुननूस ने भारत और पाकिस्तान के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरे अंतर को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि जहां भारत एक जीवंत और समृद्ध लोकतंत्र है, वहीं पाकिस्तान की लोकतांत्रिक छवि धूमिल हो चुकी है. पाकिस्तान में होने वाले ‘धांधली भरे चुनावों’ और विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी का उदाहरण देते हुए पुननूस ने कहा, "पाकिस्तान अपनी लोकतांत्रिक विफलताओं के चलते असली लोकतंत्र को एक दिखावा मानता है."
पुननूस ने कहा, "यह विडंबना है कि एक ऐसा देश, जो राज्य प्रायोजित आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए कुख्यात है, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर सवाल उठा रहा है." यह बयान पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों पर एक करारा हमला था.
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए सफल चुनावों का जिक्र करते हुए पुननूस ने कहा, "यह स्वाभाविक है कि पाकिस्तान असली लोकतंत्र को काम करता देख निराश हो गया होगा." जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों में लाखों मतदाताओं ने भाग लिया और अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए नेतृत्व का चयन किया. पुननूस ने कहा कि भारत के संविधान और सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धांत पाकिस्तान के लिए एक नई बात हो सकती है.
भारत के सलाहकार ने पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की भी कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने आंतरिक मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए, बजाय इसके कि वह अपने पड़ोसियों के मामलों में दखल दे. पुननूस ने कहा, "भारत जहां बहुलवाद, विविधता और लोकतंत्र का प्रतीक है, वहीं पाकिस्तान आतंकवाद, संकीर्णता और उत्पीड़न का प्रतीक है."