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भारत का आसमानी जासूस 'HAPS' करेगा चीन और पाक की नापाक हरकतों का काम तमाम 

India Eyes On Their Enemys Through HAPS: भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर नजर रखने के लिए आसमानी जासूस को उतारा है. भारत इन देशों की निगरानी करने के लिए हाई एल्टिट्यूड वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम (HAPS) को आसमानों की ऊंचाई पर स्थापित करने के करीब पहुंच गया है. 

Shubhank Agnihotri

India Eyes On Their Enemys Through HAPS: भारत की बढ़ती ताकत से पूरी दुनिया हैरान है.वैश्विक विरादरी मजबूत होते भारत का लोहा मान रही है. इसी क्रम में भारत ने एक और उपलब्धि को हासिल कर लिया है. भारत के इस कदम से चीन और पाकिस्तान जैसे मुल्क हैरान हैं. दरअसल भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर नजर रखने के लिए आसमानी जासूस को उतारा है. भारत इन देशों की निगरानी करने के लिए हाई एल्टिट्यूड वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम (HAPS) को आसमानों की ऊंचाई पर स्थापित करने के करीब पहुंच गया है. 

भारतीय सेना को मिलेगी सामरिक बढ़त 

रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी मदद से हिमालय की ऊंचाइयों पर चीनी सैनिकों के साथ होने वाले लगातार टकराव को टाला जा सकेगा. इसके साथ ही यह भारतीय सेना को सामरिक बढ़त भी देगा. भारत आईएसआर की खामियों के बाद HAPS में स्विच कर रहा है. 

ड्रोन विंगमैन प्रोग्राम का हिस्सा 

हाई एल्टिट्यूड वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम टेस्टिंग के दौरान लगातार 21 घंटे तक हवा में उड़ान भरता रहा. आपको बता दें कि यह भारत के ड्रोन विंगमैन प्रोग्राम का हिस्सा है जो 2024 में अपनी पहली उड़ान भरने वाला है. HAPS दूरी से ऑपरेट किया जाने वाला एक विमान है जो 65,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है. यह सोलर एनर्जी की मदद से उड़ता है. 

कम लागत में होगी निगरानी 

हाई एल्टिट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम रीपर जैसे हाई एल्टिट्यूड लॉंग एंड्योरेंस (HALE) ड्रोन की तुलना में एक सीडो सैटेलाइट की निगरानी में भारी कटौती करेगा.रीपर श्रेणी के ड्रोन को चलाने के लिए लगभग 3500 डॉलर प्रति घंटे का खर्च आता है. वहीं इसकी लागत 500 डॉलर प्रति घंटे से भी कम है.  इसके प्रोटोटाइप को बेंगलुरू के स्टार्टअप ने स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने डिजाइन किया है.