Lashkar Terrorist Abu Qatal: पाकिस्तान में एक और भारतीय दुश्मन मारा गया. लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी अबू कताल उर्फ कताल सिंधी की पाकिस्तान के झेलम जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना शनिवार की रात की है, जब वह लश्कर के प्रमुख हाफिज सईद के साथ मौजूद था.
अबू कताल, जो हाफिज सईद का करीबी साथी था, मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी था. कताल ने जम्मू-कश्मीर में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था. वह राजौरी और रियासी जैसे बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था.
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अबू कताल के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी. NIA के मुताबिक, कताल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम दिया और आतंकवादियों की भर्ती में भी अहम भूमिका निभाई. कताल पर कई आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था. हाफिज सईद ने अबू कताल को लश्कर-ए-तैयबा का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बनाया था. इसके तहत, कताल ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमले किए. वह सीमा पार घुसपैठ, आतंकियों की भर्ती, और हमलों के लिए संगठनों के साथ साजिश रचने में माहिर था. इस कारण हाफिज सईद के लिए कताल बेहद अहम बन गया था.
अबू कताल ने 2023 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ढांगरी गांव में आतंकवादी हमला किया था. इसके बाद अगले दिन आईईडी ब्लास्ट हुआ, जिसमें दो बच्चों समेत सात लोग मारे गए थे. इस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में कताल का नाम सामने आया. 9 जून, 2024 को कताल ने जम्मू-कश्मीर के रियासी में भी एक बड़ा आतंकी हमला किया. इस हमले में तीर्थयात्रियों से भरी बस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. इसके कारण बस गहरी खाई में गिर गई थी, और इस हमले में 9 लोग मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने ली थी.
अबू कताल 2017 में रियासी में हुए बम हमले का भी मास्टरमाइंड था, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए थे. इसके अलावा, अप्रैल 2023 में राजौरी-पुंछ के भाटिया दूरियान में सेना के एक वाहन पर हमला भी कताल के नेतृत्व में हुआ था.
अबू कताल की मौत उस समय हुई जब वह हाफिज सईद के साथ था. कताल को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारी, और इसके बाद हाफिज सईद लापता हो गया. इस घटना से कताल की जिंदगी का एक अध्याय खत्म हो गया, लेकिन उसकी आतंकवादियों की गतिविधियों की निशानियां आज भी जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में मौजूद हैं. इस हत्या के बाद भारत को एक और बड़े आतंकी से छुटकारा मिला, लेकिन यह भी सच है कि कताल जैसे आतंकी अभी भी दुनिया में कहीं न कहीं सक्रिय हो सकते हैं.